धनबाद : दुर्गापूजा बीतने के साथ ही अब दीपावली का इंतजार है. हर तरफ तैयारियां शुरू हो गयी हैं. घरों एवं प्रतिष्ठानों की साफ सफाई प्रारंभ हो गयी है. 21 अक्तूबर को धनतेरस, 23 को दीपावली एवं 25 को भाई दूज है. दीपावली के दिन रात्रि में सूर्य ग्रहण लग रहा है. हालांकि सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा. मंगलवार 21 अक्तूबर को धनतेरस है. धनतेरस के दिन धनवंतरी जयंती मनाते हैं.
धनतेरस के दिन सोना, चांदी तांबा, पीतल खरीदना शुभ होता है. संध्या समय पात्र एवं आभूषण की खरीदारी ज्यादा शुभ मानी जाती है. गुरुवार 23 अक्तूबर को दीपावली है. 22 अक्तूबर को रात्रि दो बजकर बीस मिनट से अमावस्या प्रारंभ है जो 23 अक्तूबर रात्रि तीन बजकर पंद्रह मिनट तक है.
* पूजा का शुभ मुहूर्त : दीपावली के दिन माता लक्ष्मी एवं गणेश भगवान की पूजा निराहार रहकर संध्या में करें. सात बजे से पूजा का शुभ समय प्रारंभ होगा. व्यापारियों के लिए सिंह लगन में पूजा उत्तम है. सिंह लगन रात्रि डेढ़ बजे से प्रारंभ है जो तीन बजकर 57 मिनट तक है.
* शंख बजाना वर्जित : दीपावली में माता लक्ष्मी एवं गणेश भगवान की पूजा कमल फूल, बताशा, दीप, माला, बेलपत्र व धान का लावा से करें. दीपावली की पूजा में शंख बजाना वर्जित है. शंख माता लक्ष्मी के भाई हैं. दोनों की उत्पत्ति समुद्र से हुई है.
* लग रहा है सूर्य ग्रहण : दीपावली के दिन सूर्य ग्रहण लग रहा है. ग्रहण रात्रि बारह बजकर पच्चीस मिनट से प्रारंभ होकर बारह बजकर चौवन मिनट तक है. ग्रहण की अवधि उन्तीस मिनट है. भारत में ग्रहण का कोई प्रभाव नही पडे़गा. अमेरिका, मैक्सिको, पूर्वी रूस ग्रहण से प्रभवित होंगे.
* 25 को भाई दूज
25 अक्तूबर को भाई बहन के स्नेह का त्योहार भाई दूज और भाई फोटा है. ऐसी मान्यता है कि भाई दूज के दिन यमराज अपनी बहन यमुना के घर भोजन करने आते हैं. भाई दूज के दिन भाई को बहन के घर भोजन करना चाहिए. ऐसा करने से भाई के आयु में वृद्धि होती है. इस दिन यमुना स्नान का विशेष महत्व है. खडे़श्वरी मंदिर के पुजारी मनोज पांडेय बताते हैं कि धनतेरस 21 अक्तूबर को है. घनतेरस के दिन आभूषण, बरतन, सोना-चांदी के सिक्के खरीदना शुभ होता है. 22 अक्तूबर को रात्रि दो बजकर सात मिनट से अमावस्या प्रारंभ हो रहा है जो 23 अक्तूबर को तीन बजकर दो मिनट तक है. दीपावली 23 अक्तूबर को है. पूजा का शुभ समय आठ बजकर सनतावन मिनट से ग्यारह बजकर ग्यारह मिनट तक है.