धनबाद : खुले में खाद्य पदार्थ व उसमें मिलावट को रोकने को लेकर जिले में ठोस पहल नहीं हो रही है. इसे रोकने को खाद्य सुरक्षा कानून तो बनाये गये हैं, लेकिन इसका पालन नहीं हो रहा है. लिहाजा अक्सर मिठाई दुकानों, ठेले खोमचों में खाद्य पदार्थ पर भिनभिनाती मक्खियां देखी जा सकती है. इसे खाकर लोग बीमार भी हो जाते हैं. आश्चर्य तो यह है कि कानून की जानकारी इसे लागू करने वाले अधिकांश पदाधिकारियों के पास नहीं है. इस कारण अभी तक शहर में अस्सी प्रतिशत इन दुकानों के लाइसेंस या रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाये हैं.
* बीस प्रतिशत के पास लाइसेंस-रजिस्ट्रेशन : कानून के तहत सालाना 12 लाख रुपये से अधिक टर्न ओवर करने वाले खाद्य दुकानदारों को लाइसेंस बनाना अनिवार्य है. लाइसेंस के लिए दो हजार रुपये लगते हैं. वहीं नियमित ठेले-खोमचे वाले दुकानदारों को रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है. इसके लिए एक सौ रुपये लगेंगे. मैन्यूफैक्चरिंग करने वाले मालिकों को तीन हजार रुपये लाइसेंस के लगने हैं. अधिकारियों की माने तो जिले में लगभग दस हजार से अधिक दुकानें हैं. लेकिन अभी तक मात्र बीस प्रतिशत दुकानदारों का लाइसेंस या रजिस्ट्रेशन हुए हैं.
* हर माह दस सैंपल लेना अनिवार्य : इस कानून के पालन के लिए आठों प्रखंड में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारियों को जिम्मेदारी दी गयी है. हर प्रभारी को दस सैंपल लेना अनिवार्य है. लेकिन तीन माह में जिले में मात्र चार सैंपल ही जांच के लिए रांची भेजे गये हैं. कानून का पालन के लिए जिले में एसीएमओ को प्रमुख बनाया गया है. लेकिन एसीएमओ अक्सर बीमार रहती हैं, इस कारण यह कार्य भी प्रभावित हो रहा है. वहीं सीएचसी के प्रभारी भी अपने स्तर से जांच नहीं कर रहे हैं.
* दुर्गापूजा में सैंपल पर हुआ था विवाद
जिले में सैंपल एकत्र करने को लेकर दुर्गापूजा में भी रांची से आये दो सदस्यीय टीम के साथ स्थानीय दुकानदारों में कई बार नोक झोंक भी हुई. दुकानदारों का कहना था कि रांची से आयी टीम नियमों के विपरीत सैंपल एकत्र कर रहे थे. इस बाबत चेंबर ने इसकी शिकायत डीसी से भी की थी. चेंबर का कहना था कि बरवाअड्डा व झरिया में फूड जांच के लिए लैब बना दिया जाये. यहीं सभी जांच हो जायेगी. चैंबर ने आर्थिक शोषण का भी आरोप टीम पर लगाया था.
फूड सैंपलिंग के दौरान स्थानीय चेंबर के सदस्यों को भी साथ में रखना चाहिए. बाहर से आयी टीम स्थानीय पदाधिकारी को भी रखें. जांच नियमित हो लेकिन नियमानुसार हो. इस संबंध में उच्च पदाधिकारियों से भी बातचीत की जायेगी.
राजीव शर्मा, अध्यक्ष, जिला चेंबर ऑफ कॉमर्स.
शहर में लगभग अस्सी प्रतिशत दुकानदारों का लाइसेंस या रजिस्ट्रेशन हुआ है. ऐसे दुकानदारों व खोमचे वालों को नोटिस भेजने की तैयारी चल रही है, जिन्होंने लाइसेंस या रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है. सख्ती से कानून का पालन किया जायेगा.
डॉ आलोक विश्वकर्मा, सदर सीएचसी प्रभारी.