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खर्च ‍ 939.55 करोड़, वसूली 864.06 करोड़

धनबाद : आमदनी अठन्नी और खर्चा रुपैया. कुछ ऐसा ही हाल बीसीसीएल का है. कोल इंडिया की यह कंपनी अपनी आमद से हर माह का खर्च भी पूरा नहीं कर पा रही है. वर्तमान में रियलाइजेशन से कही ज्यादा राशि खर्च हो रही है. कंपनी को अपने मासिक खर्च को पूरा करने के लिए जितनी […]

धनबाद : आमदनी अठन्नी और खर्चा रुपैया. कुछ ऐसा ही हाल बीसीसीएल का है. कोल इंडिया की यह कंपनी अपनी आमद से हर माह का खर्च भी पूरा नहीं कर पा रही है. वर्तमान में रियलाइजेशन से कही ज्यादा राशि खर्च हो रही है. कंपनी को अपने मासिक खर्च को पूरा करने के लिए जितनी राशि की जरूरत है, उससे प्रतिमाह औसतन 75.49 करोड़ रुपये कम की रियलाइजेशन (वसूली) हो रही है.

चालू वित्त वर्ष (2019-20) में बीसीसीएल को अपने मासिक खर्च को पूरा करने के लिए हर माह औसतन 939.55 करोड़ रुपये की जरूरत है, जबकि कंपनी का औसतन मासिक रियलाइजेशन 864.06 करोड़ रुपये है. इस स्थिति के कारण कंपनी का दिसंबर 2019 तक करीब 84.01 करोड़ का इंडेंट पेंडिंग है.
वसूली से 679.43 करोड़ अधिक हुए खर्च : चालू वित्तीय वर्ष के नौ माह (अप्रैल से दिसंबर तक) में बीसीसीएल 7776.55 करोड़ रुपये का रियलाइजेशन हुआ है. वहीं इस अवधि तक विभिन्न मदों में कंपनी का खर्च 8455.98 करोड़ रुपया हो चुका है.
यानी चालू वित्तीय वर्ष के नौ माह में रियलाइजेशन से करीब 679.43 करोड़ रुपये अधिक राशि खर्च हुई है. रियलाइजेशन से अधिक राशि खर्च होने पर बीसीसीएल सीएमडी पीएम प्रसाद दो जनवरी को हुई जीएम को-ऑर्डिनेशन मीटिंग में चिंता भी व्यक्त कर चुके हैं. साथ ही रियलाइजेशन में अविलंब सुधार के निर्देश दिये हैं. उन्होंने संबंधित अधिकारियों को कंपनी की बकाया राशि की वसूली पर विशेष जोर देने को कहा है.
पिछले वर्ष की तुलना में 3524 करोड़ कम हुआ रियलाइजेशन
नौ महीने में 7776.55 करोड़ वसूली, खर्च 8455.98 करोड़
विभिन्न मद में प्रत्येक माह औसतन 939.55 करोड़ का खर्च
दिसंबर तक 84.01 करोड़ का इंडेंट पेंडिंग
सीएमडी ने रियलाइजेशन में अविलंब सुधार के दिये हैं निर्देश
गत वर्ष की तुलना में करीब 40 प्रतिशत कम हुआ है रियलाइजेशन
… और 15 हजार करोड़ का रिकॉर्ड रियलाइजेशन
गत वित्तीय वर्ष (2018-19) के 12 माह में बीसीसीएल ने रिकॉर्ड करीब 15 हजार करोड़ रुपये का रियलाइजेशन किया था. औसतन हर माह 1250 करोड़ का रियलाइजेशन हुआ था. सूत्रों की मानें, तो अप्रैल से दिसंबर तक करीब 11 हजार तीन सौ करोड़ का रियलाइजेशन हुआ था. गत वर्ष की तुलना में बीसीसीएल ने चालू वित्त वर्ष में करीब 3524 करोड़ रुपया कम रियलाइजेशन किया है. स्थिति में सुधार के लिए बकाया वसूली पर जोर दिया जा रहा है.
नौ माह में खर्च @ 8455.98 करोड़
सैलरी और वेजेज 4047.99
स्टोर एंड स्पेयर 416.99
एचइएमएम-हायरिंग 730.89
कोल ट्रांसपोर्ट 177.7
अन्य अनुबंध खर्च 512.72
कैपेक्स 289.7
जीएसटी सेस के साथ 849.9
रॉयल्टी 728.9
अन्य सरकारी देय राशि 701.19
कुल 8455.98
नौ माह में रियलाइजेशन @ 7776.55 करोड़
माह रियलाइजेशन
अप्रैल 689.37
मई 908.87
जून 1173.53
जुलाई 901.89
अगस्त 965.66
सितंबर 882.43
अक्तूबर 728.23
नवंबर 776.18
दिसंबर 750.39
कुल 7776.55

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