धनबाद : जिस डेढ़ साल के बच्चे को उसके मां-बाप ने ठुकरा दिया था, कोई एक साल तक संघर्ष करने के बाद वह जिंदगी की जंग हार गया. पीएमसीएच के शिशु वार्ड में बुधवार को उसने अंतिम सांस ली. बच्चा गंभीर बीमारियों से ग्रस्त था. तीन महीने से उसकी स्थिति ज्यादा खराब थी. गत दो अक्तूबर को उसे रांची रिम्स में भर्ती कराया गया था.
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…और जिंदगी की जंग हार गया मास्टर शरद
धनबाद : जिस डेढ़ साल के बच्चे को उसके मां-बाप ने ठुकरा दिया था, कोई एक साल तक संघर्ष करने के बाद वह जिंदगी की जंग हार गया. पीएमसीएच के शिशु वार्ड में बुधवार को उसने अंतिम सांस ली. बच्चा गंभीर बीमारियों से ग्रस्त था. तीन महीने से उसकी स्थिति ज्यादा खराब थी. गत दो […]
इलाज के बाद उसकी तबीयत में थोड़ा सुधार हुआ था. 18 अक्तूबर को वहां से लौटा था. चार नवंबर को फिर से उसकी तबीयत बिगड़ गयी. पांच नवंबर को उसे पीएमसीएच में भर्ती कराया गया था. उसका क्या नाम था, यह किसी को मालूम नहीं. एडॉप्शन सेंटर वालों ने उसका नाम मास्टर शरद रखा था.
मिशनरी के बाहर बैग में छोड़ गये थे परिजन : एक नवंबर 2018 को मिशनरी ऑफ चैरिटी (बरवाअड्डा) के बाहर एक बैग में भर कर बच्चे को छोड़ दिया गया था. सीडब्ल्यूसी ने उस बच्चे को एडॉप्शन सेंटर भेजवा दिया था. तब से वह बच्चा वहीं था.
जालान अस्पताल में हुआ था ऑपरेशन : बच्चा जन्म से ही बीमार था. उसके सिर का विकास नहीं हो रहा था. पानी भर रहा था. शायद बीमारियों की वजह से ही परिजनों ने उसे त्याग दिया था. इस बीच जीवन रेखा ट्रस्ट को बच्चे की जानकारी मिली.
ट्रस्ट ने इलाज की जिम्मेवारी ली. जीवन रेखा ट्रस्ट के सहयोग से गत 19 अगस्त को बच्चे को जालान अस्पताल में भर्ती कराया गया. एमआरआइ समेत अन्य जांच की गयी. 27 अगस्त को बच्चे की न्यूरो सर्जरी की गयी. करीब एक माह के बाद दोबारा बच्चे का ऑपरेशन किया गया. इसके कुछ दिन बाद से ही बच्चे को बुखार आ गया. उसकी तबीयत ज्यादा खराब हो गयी थी.
धनबाद-रांची का चक्कर : गत 29 अगस्त को सेंटर की ओर से बच्चे को पीएमसीएच में भर्ती कराया गया. बच्चे की स्थिति की पूरी जानकारी उपायुक्त अमित कुमार को दी गयी. बाद में जीवन रेखा ट्रस्ट की ओर से बच्चे को जालान लेकर आने को कहा गया. एक सितंबर को उसे जालान ले जाया गया. जांच करने के बाद चिकित्सकों ने उसे रिम्स रेफर कर दिया. बाद में फिर से एडॉप्शन सेंटर की ओर से उसे पीएमसीएच ले जाया गया.
नहीं आया कोई सामने : बच्चे की खबर लगातार मीडिया में आती रही. लेकिन परिवार को कोई सदस्य सामने नहीं आया. बुधवार शाम को मटकुरिया में उसकी अंत्येष्टि की गयी. लेकिन आज इसमें भी शामिल होने परिवार का कोई नहीं आया.
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