धनबाद :25 माह, 53 योजनाएं. एक भी पूर्ण नहीं. यह हाल है जिले के सबसे बड़े पंचायती राज संस्थान की. ग्रामीण क्षेत्रों में विकास के लिए तीन करोड़ 11 लाख रुपये से भी अधिक राशि की इन योजनाओं के क्रियान्वयन के प्रति कहीं गंभीरता नहीं दिख रही.
25 माह, 53 योजनाएं, एक भी पूर्ण नहीं
धनबाद :25 माह, 53 योजनाएं. एक भी पूर्ण नहीं. यह हाल है जिले के सबसे बड़े पंचायती राज संस्थान की. ग्रामीण क्षेत्रों में विकास के लिए तीन करोड़ 11 लाख रुपये से भी अधिक राशि की इन योजनाओं के क्रियान्वयन के प्रति कहीं गंभीरता नहीं दिख रही. 2017-18 में हुआ टेंडर जिला परिषद धनबाद की […]
2017-18 में हुआ टेंडर
जिला परिषद धनबाद की तरफ से वित्तीय वर्ष 2017-18 में 53 योजनाओं का टेंडर किया गया था. जुलाई 2017 में टेंडर की प्रक्रिया पूरी हुई. जिला परिषद सदस्यों की अनुशंसा पर तीन से 24 लाख रुपये तक की योजनाएं ली गयीं. सभी प्रखंडों के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए चयनित इन योजनाओं का काम दो वर्ष बाद भी पूर्ण नहीं हो पाया है. विभागीय अधिकारी से लेकर जन प्रतिनिधि तक सुस्त पड़े हुए हैं. योजनाएं पूर्ण नहीं होने से क्षेत्र के लोगों को परेशानी हो रही है.
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