छतीसगढ़ के ‘प्रयास’ के सामने झारखंड की ‘आकांक्षा’ फीकी —-फोटो – छतीसगढ़ सरकार के ‘प्रयास’ से गरीब परिवारों के बच्चों को मिल रहा आइआइटी में दाखिला- प्रयास फाउंडेशन के चार छात्रों को मिला आइआइटी धनबाद धनबाद 4 वरीय संवाददाता सरकारी की उदासीनता या गलत नीतियों के कारण अच्छी योजना भी अपेक्षित परिणाम नहीं दे पाती है. ऐसी ही एक ही तरह की योजना झारखंड व छतीसगढ़ में अलग-अलग परिणाम दे रही है. झारखंड में यह योजना आकांक्षा-40 के नाम से जानी जाती है. जबकि छतीसगढ़ में यही योजना ‘प्रयास फाउंडेशन’ के नाम से चल रही है. दोनों योजना के तहत गरीब परिवारों के बच्चों को इंजीनियरिंग व मेडिकल की तैयारी करवायी जाती है. छतीसगढ़ सरकार की यह योजना पिछले आठ वर्षों से गरीब परिवार के बच्चों के सपनों में हकीकत में बदल रही है. छतीसगढ़ में इस योजना के तहत संचालित स्कूलों के बच्चे देश भर में आयोजित इंजीनियरिंग व मेडिकल प्रवेश परीक्षा में धूम मचा रहे हैं. रायपुर में संचालित प्रयास आवासीय विद्यालय के चार बच्चे इस वर्ष आइआइटी आइएसएम में दाखिला लिये हैं. 16 से 17 वर्ष के बीच के इन छात्रों ने अपने पहले ही प्रयास में सफलता हासिल की है. इन छात्रों में योगेंद्र नाथ सिंह (मैथेमेटिक्स एंड कंप्यूटिंग), विवेक कुमार दीवान (पेट्रोलियम) अमरनाथ पैकरा (मिनरल) और झरना शामिल हैं. इन छात्रों ने बताया कि उनके स्कूल चार साथियों ने इसी वर्ष आइआइटी दिल्ली, आइआइटी रुड़की, आइआइटी बीएचयू और आइआइटी मंडी के लिए क्वालिफाइ किया है. क्या है प्रयास फाउंडेशन छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों के प्रतिभावान बच्चों को अच्छी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए राज्य सरकार ने आठ साल पहले प्रयास फाउंडेशन की स्थापना की थी. इसके अंतर्गत रायपुर में बने आवासीय विद्यालय में ऐसे मेधावी बच्चे शिक्षा ले रहे हैं. इनमें से कई नक्सल प्रभावित इलाकों से आते हैं, जहां कई सारी समस्याएं हैं. इन्हीं बच्चों को अच्छे अवसर देने के लिए भूतपूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने प्रयास स्कूल की बुनियाद रखी थी. यहां 9वीं से लेकर 12वीं तक की पढ़ाई होती है. छत्तीसगढ़ राज्य बोर्ड के अंतर्गत ही संचालित इन स्कूलों में सीबीएसइ और एनसीआरटी पाठ्यक्रम से ही पढ़ाई होती है. विशेषज्ञ देते हैं कोचिंग आइआइटी धनबाद में दाखिला लेने वाले छात्रों के अनुसार उनके स्कूल में 11वीं और 12वीं के छात्रों का खास ध्यान रखा जाता है. उन्हें मेडिकल, इंजीनियरिंग और तमाम प्रवेश परीक्षाओं के लिए विशेषज्ञों द्वारा कोचिंग की सुविधा भी प्रदान करायी जाती है. कैंपस में छात्रों को वे सारी सुविधाएं मुहैया करायी जाती हैं, जो किसी भी बड़े नामी गिरामी बोर्डिंग स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को मिलती हैं. उन्हें वहां आइआइटी के पासआउट शिक्षक पढ़ाते हैं.
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छतीसगढ़ के ह्यप्रयासह्ण के सामने झारखंड की ह्यआकांक्षाह्ण फीकी —-
छतीसगढ़ के ‘प्रयास’ के सामने झारखंड की ‘आकांक्षा’ फीकी —-फोटो – छतीसगढ़ सरकार के ‘प्रयास’ से गरीब परिवारों के बच्चों को मिल रहा आइआइटी में दाखिला- प्रयास फाउंडेशन के चार छात्रों को मिला आइआइटी धनबाद धनबाद 4 वरीय संवाददाता सरकारी की उदासीनता या गलत नीतियों के कारण अच्छी योजना भी अपेक्षित परिणाम नहीं दे पाती […]
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