धनबाद: जब वह मात्र ढाई साल की थी तभी उनके पांव संगीत के बोल पर थिरकते थे. बेटी की इस खूबी को मां ने पहचाना और नृत्य की तालीम देने लगी. आज वह बच्ची न सिर्फ एक सफल नृत्यांगना है बल्कि अब तक हजारों बच्चों को नृत्य की तालीम दे चुकी हैं.
अभी भी वह तीन सौ बच्चों को नृत्य सिखा रही है. हम रू-ब-रू हैं कोयलांचल के नृत्य क्षेत्र की प्रसिद्ध हस्ती कल्पना मल्लिक से. 64 साल की उम्र में भी इनके धुंधरू बोलते हैं. इनके कई शिष्य देश ही नहीं विदेशों में भी नाम कमा रहे हैं.
देश विदेश में हैं शिष्य
इनके द्वारा प्रशिक्षित बच्चे देश के साथ विदेशों में शास्त्रीय नृत्य की ज्योत जला रहे हैं. अब तक 300 बच्चों को कथक, 200 बच्चों को भरतनाट्यम 100 बच्चों को रवींद्र नृत्य सीखा चुकी है. वर्तमान समय में तीन सौ बच्चे प्रशिक्षण पा रहे हैं. इनकी छात्र प्रीति सिन्हा अफ्रीका में, उर्मीमाला दत्ता कैलिफोर्निया में, वंदना सेन अमेरिका में, सुनीता पांजा जीजीपीएस धनबाद, सागारिका चौधुरी डी-नोबिली सिंफर, सुमीत केसरी धनबाद पब्लिक स्कूल में डांस टीचर हैं.