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200 डीलरों का जीएसटी निबंधन रद्द, रिटर्न दाखिल में भी फंसा मामला

धनबाद : धनबाद प्रमंडल एक सितंबर 2017 को जीएसटी लागू हुआ. धनबाद प्रमंडल में लगभग दस हजार डीलरों ने वैट से जीएसटी में माइग्रेट किया. इसमें से धनबाद के 200 डीलरों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया गया है. न तो उन्हें आइटीसी का लाभ मिल रहा है और न ही वह रिटर्न दाखिल कर पा […]

धनबाद : धनबाद प्रमंडल एक सितंबर 2017 को जीएसटी लागू हुआ. धनबाद प्रमंडल में लगभग दस हजार डीलरों ने वैट से जीएसटी में माइग्रेट किया. इसमें से धनबाद के 200 डीलरों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया गया है. न तो उन्हें आइटीसी का लाभ मिल रहा है और न ही वह रिटर्न दाखिल कर पा रहे हैं.
राइजी-1 का पार्ट बी फॉर्म नहीं भरने के आलोक में जीएसटी काउंसिल ने उनका रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया है.हालांकि जीएसटी काउंसिल ने ऐसे डीलरों के लिए एक और मौका दिया है. एक से लेकर 31 अगस्त के बीच उन्हें आरइजी-1 पार्ट बी फॉर्म भरना है. समय अवधि के अंदर आरइजी-1 पार्ट बी फॉर्म भरते हैं तो उन्हें पुन: वही जीएसटी रजिस्ट्रेशन नंबर एलॉट कर दिया जायेगा.
एसएमएस से दी जा रही सूचना
डीलरों को एसएमएस द्वारा भी सूचना दी जा रही है. इसके अलावा व्यवसायी संगठन, बार एसोसिएशन व चेंबर ऑफ कॉमर्स से भी आरइजी-1 पार्ट बी भरने की अपील की जा रही है.
1 सितंबर 2017 को जीएसटी लागू हुआ. वैट से माइग्रेट होकर जो डीलर आरइजी-1 पार्ट ए भरे थे, उन्हें प्रोविजनल रजिस्ट्रेशन दिया गया था. प्रोविजनल रजिस्ट्रेशन पर डीलर काम चला रहे थे, लेकिन जनवरी 2018 से उनका रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया गया है. आरइजी-1 पार्ट बी भरने के बाद उन्हें वही रजिस्ट्रेशन नंबर एलॉट कर दिया जायेगा.
विजय कुमार दुबे, संयुक्त आयुक्त राज्यकर

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