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आसान नहीं इंटक और एचएमएस का विलय
धनबाद : देश के दो बड़े मजदूर संगठनों इंटक और एचएमएस के विलय खबर पर इंटक के दो अन्य गुट बिफर पड़े हैं. उन्होंने संजीवा रेड्डी के फैसला लेने एवं विलय की प्रक्रिया पर सवाल खड़े करते हुए यह साफ कर दिया कि विलय की राह आसान नहीं हैं. उनका साफ साफ कहना है कि […]
धनबाद : देश के दो बड़े मजदूर संगठनों इंटक और एचएमएस के विलय खबर पर इंटक के दो अन्य गुट बिफर पड़े हैं. उन्होंने संजीवा रेड्डी के फैसला लेने एवं विलय की प्रक्रिया पर सवाल खड़े करते हुए यह साफ कर दिया कि विलय की राह आसान नहीं हैं. उनका साफ साफ कहना है कि जब मामला अदालत में है तब कोई एक गुट विलय का निर्णय कैसे ले सकता है. विलय के लिए सभी गुटों की सहमति जरूरी है. दूसरी तरफ नीचे से ऊपर तक पदों के बंटवारे को लेकर दोनों संगठनों के पदधारियों का विरोध एक अहम बाधा बनेगा.
इंटक का नहीं एक ग्रुप का विलय : ददई
इंटक ददई गुट के अध्यक्ष ददई दुबे ने कहा कि विलय के बारे में कोई जानकारी नहीं है. रेड्डी इंटक का विलय कैसे कर सकते हैं. वे तो कोर्ट से हार चुके हैं. उनके पास कोई रास्ता नहीं है. दिल्ली हाइकोर्ट में अगली तारीख अगस्त में है. इससे वे हताश होकर इस तरह का कदम उठा रहे हैं. विलय रेड्डी गुट का होगा न की इंटक का. इसके अलावा उनके पास कोई रास्ता भी नहीं है.
रेड्डी जा सकते हैं, इंटक नहीं : तिवारी
इंटक महाबल मिश्र गुट के महामंत्री केके तिवारी ने कहा कि एचएमएस में रेड्डी जा सकते हैं, इंटक नहीं. विलय के बारे में उनसे कोई बातचीत नहीं की गयी है. रेड्डी और उनके कुछ लोग ही विलय की बात कर रहे हैं. वे एचएमएस के नाम पर काम करना चाहते हैं. एचएमएस के 50 प्रतिशत लोग विलय के विरोध में हैं. जब मामला अदालत में हैं तब एक गुट इंटक का किसी दूसरे संगठन में विलय करने का फैसला कैसे और किस अधिकार से ले सकता है ?
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