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रेलवे का विरोध: कतरासवासियों ने दिखायी एकजुटता, कहा डीसी रेललाइन बचाने को हर कुर्बानी देने को हैं तैयार

धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन कोल इंडिया को स्थानांतरित करने की रेलवे की योजना का विरोध शुरू हो गया है. रेल बंदी आंदोलन से जुड़े नेताओं, सामाजिक संगठनों व समाजसेवियों में उबाल है. बुधवार को आंदोलनकारियों ने कतरासगढ़ स्टेशन पर प्रेस वार्ता कर निर्णय का विरोध किया. कतरास: पूर्व विधायक ओपी लाल ने कहा कि रेललाइन उखाड़ […]

धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन कोल इंडिया को स्थानांतरित करने की रेलवे की योजना का विरोध शुरू हो गया है. रेल बंदी आंदोलन से जुड़े नेताओं, सामाजिक संगठनों व समाजसेवियों में उबाल है. बुधवार को आंदोलनकारियों ने कतरासगढ़ स्टेशन पर प्रेस वार्ता कर निर्णय का विरोध किया.
कतरास: पूर्व विधायक ओपी लाल ने कहा कि रेललाइन उखाड़ किसी भी कीमत पर आग नहीं बुझाने देंगे. वह अपनी जान की कुर्बानी भी देने को तैयार हैं. जनता को अब धोखा बर्दाश्त नहीं है. लाइन उखाड़ी तो संभव है आंदोलनकारी खून-खराबे पर उतर अायें. कतरासगढ़ स्टेशन पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में विजय कुमार झा व पार्षद विनोद गोस्वामी भी मौजूद थे.

नेतृत्व कर्ताओं ने कहा कि झारखंड के सभी राज्यसभा तथा लोकसभा सांसदों से 23 नवंबर को दिल्ली में कोयला सचिव के नेतृत्व में होने वाली बैठक में सही स्थिति से अवगत कराने का अनुरोध किया गया है. मांग की कि डीसी लाइन की आग वैज्ञानिक पद्धति से बुझायी जाये. इसके लिए एक्सपर्ट की टीम भेजी जाये. नेताओं ने कहा कि दिल्ली की बैठक में जनहित के खिलाफ कोई निर्णय लिया गया, तो उग्र आंदोलन का शंखनाद होगा. 34 किमी में 20 किमी लाइन आग से सुरक्षित है. यह बात समझने में सरकार को पांच महीने लग गये.्र अब जाकर फुलारीटांड़-सोनारडीह से रेल सेवा शुरू की गयी है. बांसजोड़ा में लगे रीयल टाइम माॅनिटरिंग सिस्टम से पता चला है कि भूगर्भ आग में 60-70 प्रतिशत तक कमी आयी है. कतरास की पांच हजार जनता ने शपथपत्र देकर कहा है कि लाइन को खतरा नहीं है.

बैठक के औचित्य पर उठाये सवाल
नेताओं ने बैठक की उपयोगिता पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि जब रेल मंत्री सह कोयला मंत्री ने सिंफर से आग बुझाने का लिखित आश्वासन माकपा नेत्री वृंदा करात तथा पूर्व गृह राज्यमंत्री आरपीएन सिंह को दिया. कोयला विभाग की ओर से सिंफर को सर्वे करने का आदेश दिया गया, लेकिन कोई पहल नहीं हुई. जब तक सर्वे का काम मुकाम तक नहीं पहुंचता है, ऐसा कोई काम नहीं करें, जिससे जनता का धैर्य टूट जाये. ऐसे में कोयला सचिव को बैठक बुलाने का कोई औचित्य नहीं है. अब सरकार को फैसला लेना है कि जनहित में काम करना है या जनविरोधी. कहा कि इसका पुरजोर विरोध होगा.
‘पॉकेट में हरा झंडा लेकर घूम रहे सांसद-विधायक’
सांसद रवींद्र कुमार पांडेय व विधायक ढुलू महतो का नाम लिये बगैर पूर्व विधायक ओपी लाल ने कहा कि क्षेत्र के जनप्रतिनिधि महुदा, खानूडीह, फुलारीटांड़ तथा सोनारडीह में हरा झंडा दिखा रहे हैं. एक-एक हाॅल्ट पर झंडा लेकर पहुंच जा रहे हैं. ये लोग पॉकेट में हरा झंडा लेकर चल रहे हैं. मौके पर निमाई मुखर्जी, बलराम हरिजन, कैलाश केजरीवाल आदि उपस्थित थे.

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