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मेडिकेटेड मच्छरदानी ने रोकी मलेरिया की रफ्तार
धनबाद : मलेरिया को लेकर स्वास्थ्य विभाग फिलहाल राहत की सांसें ले रहा है. इसका कारण संवेदनशील क्षेत्रों में बांटी गयी मेडिकेटेड मच्छरदानी है. विभाग की मांनें तो टुंडी व तोपचांची के मलेरिया जोन में लगभग 40 हजार मच्छरदानी बांटी गयी. सितंबर माह तक तक जहां 12 से 15 सौ मरीज इलाज को पीएमसीएच आ […]
धनबाद : मलेरिया को लेकर स्वास्थ्य विभाग फिलहाल राहत की सांसें ले रहा है. इसका कारण संवेदनशील क्षेत्रों में बांटी गयी मेडिकेटेड मच्छरदानी है. विभाग की मांनें तो टुंडी व तोपचांची के मलेरिया जोन में लगभग 40 हजार मच्छरदानी बांटी गयी. सितंबर माह तक तक जहां 12 से 15 सौ मरीज इलाज को पीएमसीएच आ जाते थे. वहीं इस (अगस्त तक) वर्ष 651 मलेरिया मरीज मिले हैं. मलेरिया विभाग इसके पीछे मच्छरदानी को कारण बता रहे हैं.
सभी केंद्रों में दवा व भेजे गये किट :मलेरिया जांच को लेकर कीट सभी सामुदायिक, प्राथमिक व अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में उपलब्ध कराये गये हैं. मुख्यालय की ओर से धनबाद को पांच हजार किट मिले हैं. वहीं मलेरिया होने पर दी जाने वाली एसीटी दवा का भी स्टॉक रखा गया है. जरूरत के हिसाब से इसकी मांग की जाती है.
जानें मेडिकेटेड मच्छरदानी को
मेडिकेटेड मच्छरदानी इस बार झारखंड सरकार ने बेल्जियम से आयात किया है. यह मच्छरदानी में एक खास तरह की दवा व केमिकल युक्त रहता है. वह मच्छरों व कीट पतंगों को मच्छरदानी तक आने नहीं देता है. जिनके सिर में जुएं अधिक होते हैं. वे जुएं भी मच्छरदानी की दवा की वजह से भाग जाते हैं. इसका कोई गंध भी नहीं होता है. मच्छरदानी की बाजार में कीमत करीब दो हजार रुपये बतायी जाती है. तीन वर्ष के बाद सरकार ने इस वर्ष यह मच्छरदानी मुहैया करायी है.
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