वर्ष 2015 में इस आशय का एक प्रस्ताव तैयार किया गया था. इसमें फोर्स के गठन के पहले चरण में तीन बटालियन बनाने का प्रस्ताव था. दो बटालियन होमगार्ड तथा एक बटालियन एक्स आर्मी मैन के होने का जिक्र था. समय बीतने के साथ प्रस्ताव ठंडे बस्ते में चला गया. उपकरणों की खरीदारी तक नहीं हो सकी.
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योजना: एनडीआरएफ की तर्ज पर गठित होगी बटालियन, आपदा में एसडीआरएफ के जवान लोगों को बचायेंगे
धनबाद: प्राकृतिक और गैर प्राकृतिक आपदाओं से निपटने लिए झारखंड में नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (एनडीआरएफ) की तर्ज पर स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (एसडीआरएफ) के गठन की प्रक्रिया तेज हो गयी है. गृह विभाग (आपदा प्रबंधन) की कोशिश है कि एसडीआरएफ का गठन जितनी जल्दी हो सके, कर लिया जाये. डिजास्टर मैनेजमेंट विभाग के अधिकारियों […]
धनबाद: प्राकृतिक और गैर प्राकृतिक आपदाओं से निपटने लिए झारखंड में नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (एनडीआरएफ) की तर्ज पर स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (एसडीआरएफ) के गठन की प्रक्रिया तेज हो गयी है. गृह विभाग (आपदा प्रबंधन) की कोशिश है कि एसडीआरएफ का गठन जितनी जल्दी हो सके, कर लिया जाये. डिजास्टर मैनेजमेंट विभाग के अधिकारियों की मानें तो झारखंड में स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स के गठन का प्रपोजल कई वर्ष पूर्व पास हो चुका है, लेकिन आज तक नोटिफिकेशन नहीं हो सका.
बढ़ती घटनाओं से सजग हुई सरकार
राज्य में एनडीआरएफ की बढ़ती मांग व घटनाओं को देख हाल के दिनों में राज्य सरकार ने इसमें पुन: गंभीरता दिखाई. आपदा प्रबंधन विभाग ने एसडीआरएफ के गठन के लिए प्रस्ताव तैयार कर सरकार के पास स्वीकृति के लिए भेजा है. पहले चरण में झारखंड आर्म्स पुलिस (जैप) के जवानों को एसडीआरएफ में लेने की बात कही जा रही है. इन जवानों को ट्रेनिंग के लिए एनडीआरएफ सेंटर भेजा जायेगा. वहां से लौटने पर जवानों का उपयोग हर जिले में कुछ जवानों को ट्रेंड करने में किया जायेगा. एसडीआरएफ में एएसआइ, एसआइ, इंस्पेक्टर के पद सृजित कर बहाली की जायेगी. पारा मिलिट्री फोर्स, आर्मी के रिटायर्ड जवानों, अधिकारियों की भी बहाली होगी. तकनीकी एक्सपर्ट भी संविदा पर बहाल होंगे.
पर्यटन मित्रों को दी जा रही ट्रेनिंग
आपदा प्रबंधन विभाग ने डैम, फॉल, नदी, तालाब आदि में डूबने की होने वाली घटनाओं को रोकने के लिए पर्यटन मित्रों को ट्रेनिंग देने की भी योजना शुरू की है. इसके तहत पहले चरण में पर्यटन विभाग के सहयोग से रांची के जोन्हा एवं हुंडरू फॉल के पर्यटन मित्रों को ट्रेनिंग दी गयी है. जल्द ही राज्य के दूसरे स्थानों पर भी यह काम होगा. पर्यटन मित्रों को डूबते पर्यटकों को बचाने के लिए रस्सी व अन्य जरूरी संसाधन पर्यटन विभाग मुहैया करा रहा है.
एसडीआरएफ के गठन का प्रस्ताव तैयार है. सरकार से अनुमति मिलने के बाद गठन किया जायेगा. छोटी-छोटी घटना होने पर भी एनडीआरएफ टीम को बुलाना पड़ता है. इसमें काफी समय लग जाता है. जान-माल की क्षति भी होती है.
जटाशंकर चौधरी, अपर सचिव, गृह (आपदा प्रबंधन)
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