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डॉ धीरेन मंडल हत्याकांड में एक दोषी, सजा सात को

धनबाद: डॉ धीरेंद्र कुमार मंडल की हत्या धारदार हथियार से कर उसकी मोटरसाइकिल छीन लेने के मामले में शुक्रवार को अपर जिला व सत्र न्यायाधीश सचींद्र कुमार पांडेय की अदालत ने फैसला सुनाते हुए निरसा के सोनबाद गांव निवासी इसलाम खान को भादवि की धारा 302, 412 में दोषी करार देते हुए न्यायिक हिरासत में […]

धनबाद: डॉ धीरेंद्र कुमार मंडल की हत्या धारदार हथियार से कर उसकी मोटरसाइकिल छीन लेने के मामले में शुक्रवार को अपर जिला व सत्र न्यायाधीश सचींद्र कुमार पांडेय की अदालत ने फैसला सुनाते हुए निरसा के सोनबाद गांव निवासी इसलाम खान को भादवि की धारा 302, 412 में दोषी करार देते हुए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया, जबकि मामले के अन्य आरोपी करीम खान व मुबारक खान को संदेह का लाभ देते हुए अदालत ने रिहा कर दिया. अदालत ने सजा के बिंदु पर सुनवाई की अगली तिथि 7 जुलाई 17 मुकर्रर कर दी.

विदित हो कि 20 दिसंबर 06 को ग्रामीण डॉक्टर धीरेंद्र कुमार मंडल अपनी मोटरसाइकिल से अपने क्लिनिक जा रहे थे. बीच रास्ते में ही अपराधियों ने रोक कर धारदार हथियार से उनकी हत्या कर दी और मोटरसाइकिल व पर्स छीन लिया. पुलिस ने इसलाम खान व रसीद खान की निशानदेही पर मोटरसाइकिल बरामद कर ली. मृतक के भाई गयाराम मंडल ने निरसा थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी. केस के अनुसंधान कर्ता ने दो मार्च 2007 को आरोप पत्र न्यायालय में दायर किया. 07 जुलाई 2007 को अदालत ने आरोपितों के विरुद्ध आरोप गठित कर केस का विचारण शुरू किया. केस विचारण के दौरान अपर लोक अभियोजक अनिल कुमार झा ने मामले में कुल 13 गवाहों का मुख्य परीक्षण कराया, जबकि प्रतिपरीक्षण बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने किया.
मारपीट मामले में 13 लोगों को तीन वर्ष की सजा
अपर जिला व सत्र न्यायाधीश सोलह धनंजय कुमार की अदालत ने शुक्रवार को टांगी से मारपीट करने के मामले में फैसला सुनाते हुए मैथन ओपी क्षेत्र के कालीपहाड़ी के रहनेवाले चंचल मंडल, आशीष मंडल, प्रशांत मंडल, सुशील मंडल, गौतम मंडल, सुशांतो मंडल, प्राण मंडल, मनींद्र मंडल व उत्तम मंडल समेत तेरह लोगों को भादवि की धारा 324 में दोषी पाकर तीन-तीन वर्ष की कैद की सजा सुनायी. बाद में अदालत ने सजायाफ्ताओं को झारखंड हाइकोर्ट में क्रिमिनल अपील याचिका दायर करने के लिए अंशकालिक जमानत दे दी. तीन फरवरी 07 को आरोपियों ने अमल मंडल के बेटे मुकुल मंडल व समेंदु मंडल को टांगी से मार कर बुरी तरह से जख्मी कर दिया था.
दहेज हत्या में पति के खिलाफ आरोप तय
दहेज की मांग को लेकर पत्नी को प्रताड़ित करने की वजह से वह फांसी लगा कर हत्या करने के मामले की सुनवाई शुक्रवार को अपर जिला व सत्र न्यायाधीश सप्तम सत्य प्रकाश की अदालत में हुई. अदालत में आरोपी पति अलकडीहा (तिसरा) निवासी पारा शिक्षक ज्योति चक्रवर्ती हाजिर था. अदालत ने उसके खिलाफ भादवि की धारा 304 (बी) के तहत आरोप तय किया. उसने आरोप से इनकार किया. ज्ञात हो कि 19 नवंबर 13 को मिठू चक्रवर्ती की शादी ज्योति चक्रवर्ती के साथ हुई थी. शादी के बाद उसके पति दहेज को लेकर उसे प्रताड़ित करने लगा 12 मार्च 16 को ज्योति चक्रवर्ती ने अपनी पत्नी की हत्या कर दी.
जानलेवा हमला कांड में दो दोषी करार, दो रिहा
पत्नी को प्रताड़ित कर उस पर जानलेवा हमला करने के मामले में शुक्रवार को अपर जिला व सत्र न्यायाधीश सप्तम सत्य प्रकाश की अदालत ने फैसला सुनाते हुए मैथन निवासी रघुनाथ साहनी (पति) व श्याम साहनी (ससुर) को भादवि की धारा 307 में दोषी पाकर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया. वहीं माली साहनी (सास) व गेई मोई रानी (दादी सास) को साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया. अदालत सजा के बिंदु पर फैसला चार जुलाई को सुनायेगी. अपर लोक अभियोजक अनिल कुमार झा भी सुनवाई के वक्त मौजूद थे.
आरएमएस घोटाला में रेलवे मेल सर्विस इंस्पेक्टर की अग्रिम जमानत खारिज
बगैर स्वीकृति के ग्यारह लोगों को आरएमएस में नौकरी दिलाकर फरजी ढंग से लाखों रुपये की निकासी करने के मामले में आरोपित इंस्पेक्टर रेलवे मेल सर्विस रांची उदय कुमार की ओर से दायर अग्रिम जमानत अरजी पर सुनवाई शुक्रवार को सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश एसके पांडेय की अदालत में हुई. अदालत ने जमानत अरजी को खारिज कर दिया. अभियोजन की ओर से सीबीआइ के वरीय लोक अभियोजक कपिल मुंडा ने जमानत का जोरदार विरोध किया. गुप्त सूचना पर 31 मार्च 17 को प्राथमिकी दर्ज की गयी थी.
बीएसएल नियुक्ति घोटाला : आरोपितों के खिलाफ नहीं हो सका चार्जफ्रेम
बोकारो स्टील प्लांट में हुए लाखों रुपये के नियुक्ति घोटाले की सुनवाई शुक्रवार को सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश एसके पांडेय की अदालत में हुई. अदालत में जीवेश मिश्रा (एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर रिटायर्ड), वीरेंद्र कुमार श्रीवास्तव (रिटायर्ड एमडी), एएस हेंब्रम व ए राज शेखरन हाजिर थे. बचाव पक्ष की ओर से एक आवेदन दायर कर समय की मांग की गयी. जबकि केस अभिलेख आरोप गठन के लिए निर्धारित था. बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि आरोपीगण निचली अदालत के आदेश को झारखंड उच्च न्यायालय में चुनौती देंगे. इसलिए उन्हें समय दिया जाए. अदालत ने सुनवाई की अगली तिथि 19 जुलाई 17 मुकर्रर कर दी. विदित हो कि वर्ष 2008-09 के दौरान बीएसएल में नियम-कानूनों की धज्जिया उड़ा कर तेरह लोगों की नियुक्ति गलत ढंग से की गयी थी.

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