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कोयलांचल में 82 दिनों में 101 लोगों ने की आत्महत्या

धनबाद, बोकारो और गिरिडीह में हर दिन एक से अधिक व्यक्ति आत्महत्या कर रहे हैं. महामारी कोरोना के कारण लागू लॉकडाउन अवधि में यह प्रवृति और बढ़ी लगती है. खासकर युवा इस तरह के घातक कदम उठा रहे हैं. लॉकडाउन की अवधि में प्राप्त सरकारी आंकड़े के अनुसार 82 दिनों में धनबाद, बोकारो व गिरिडीह जिले में 101 लोगों ने आत्महत्या की है.

लॉकडाउन का साइड इफेक्ट : धनबाद के 37, बोकारो के 45 और गिरिडीह के 19 लोगों ने दी जान

धनबाद : धनबाद, बोकारो और गिरिडीह में हर दिन एक से अधिक व्यक्ति आत्महत्या कर रहे हैं. महामारी कोरोना के कारण लागू लॉकडाउन अवधि में यह प्रवृति और बढ़ी लगती है. खासकर युवा इस तरह के घातक कदम उठा रहे हैं. लॉकडाउन की अवधि में प्राप्त सरकारी आंकड़े के अनुसार 82 दिनों में धनबाद, बोकारो व गिरिडीह जिले में 101 लोगों ने आत्महत्या की है.

मनोचिकित्सकों के अनुसार लॉकडाउन के बाद लोग अपने भ‌विष्य को लेकर सशंकित हैं. कई लोगों का रोजगार छिन गया है. साथ ही घरेलू हिंसा में बढ़ोतरी दर्ज की गयी है.

बोकारो में 45, गिरिडीह में 19 ने जिंदगी समाप्त की : बोकारो जिला में मार्च से लेकर 20 जून के बीच 45 लोगों ने आत्महत्या की. यहां मार्च माह में 12, अप्रैल में 10, मई में 19 तथा जून में अब तक चार ने आत्महत्या की. जबकि गिरिडीह जिला में 19 ने अपनी इहलीला समाप्त की.

झरिया की दो घटनाओं ने दिल दहलाया : कोरोना से बचाव के लिए 25 मार्च से पूरे देश में लॉकडाउन लगा, जो 70 दिन तक चला. दो जून से अनलॉक वन शुरू हुआ. जिंदगी पटरी लौटने लगी. लेकिन इस दौरान आत्महत्या की घटनाओं में अचानक वृद्धि हो गयी. कुछ लोग इतने परेशान हुए कि न केवल खुद बल्कि अपने परिवार के अन्य सदस्यों के साथ आत्महत्या करने लगे. जोड़ापोखर बरारी एक नंबर निवासी शहाादत इराकी ने पहले अपनी पत्नी अफसाना परवीन व 13 माह की बेटी खुशबू को मौत के घाट उतारा फिर खुद फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. बाद में पता चला कि आर्थिक तंगी से परेशान होकर उसने इतनी बड़ी घटना को अंजाम दिया. दूसरी तरफ बनियाहीर तीन नंबर में रहने वाली रेशमा खातून (32) ने फांसी लगा ली और उसी कमरे के बेड पर 12 वर्षीय पुत्री मुस्कान का शव मिला.

युवा वर्ग में बढ़ी आत्महत्या की प्रवृति

आत्महत्या करने वाले 101 लोगों में अधिकतर युवा और टीनएजर हैं. जबकि दो-तीन बुजुर्ग हैं. धनबाद के कुल 37 आत्महत्या के मामलों में 32 युवा, टीन एजर्स व नाबालिग हैं. वहीं पांच लोग ऐसे हैं जो 40 वर्ष से ज्यादा और 70 वर्ष के कम के हैं.

जरा-जरा सी बात पर बोकारो के बच्चों ने दी जान

बोकारो में बच्चों के आत्महत्या जैसे कदम उठाने से हर कोई चिंतित है. गत 26 मई को पिंड्राजोरा थाना क्षेत्र के पिंड्राजोरा गांव निवासी मधुसूदन गोप के इकलौते पुत्र साधन गोप (14 वर्ष) ने इसलिए फांसी लगाकर जाने दे दी कि पिता ने उसे पढ़ने के लिए डांटा था. उसी दिन चंद्रपुरा की डीवीसी आवासीय कॉलोनी के पश्चिम पल्ली क्षेत्र में मोहन सिंह की पुत्री सोनाली (14 वर्ष) फांसी लगा कर जान दे दी. मां ने उसे पड़ोस की एक महिला के साथ बाहर देर तक घूमने पर डांटा था. पिता से डांट खाने के बाद तीन जून को हरला थाना क्षेत्र के महेशपुर गांव की साह कॉलोनी निवासी लक्ष्मी कुमारी (20 वर्ष) ने नयाहिर जंगल में दुपट्टा के सहारे पेड़ से लटकर आत्महत्या कर ली.

बेरमो में 10 लोगों ने की आत्महत्या

  • बेरमो : लगभग ढाई महीने के दौरान बेरमो अनुमंडल क्षेत्र में 10 लोगों ने आत्महत्या की. इसमें कई लोग लॉकडाउन के दौरान आने वाले प्रवासी मजदूर हैं और कई लोग रोजगार छिन जाने से परेशान थे. कुछ घटनाएं पारिवारिक विवाद के कारण हुई.

  • तीन अप्रैल : चंद्रपुरा निवासी अमित गोराईं (24 साल) ने राजाबेड़ा-भंडारीदह के जंगल में फांसी लगा कर जान दे दी. वह प्राइवेट में इलेक्ट्रिशियन का काम करता था.

  • 20 अप्रैल : नावाडीह प्रखंड अंतर्गत बिरनी पंचायत के सिमराबेड़ा निवासी मुमताज अंसारी की पत्नी मुनेशा खातून (45 वर्ष) ने कीटनाशक दवा खाकर जान दे दी. वह लंबे अरसे से बीमार थी

  • 12 मई : गोमिया प्रखंड अंतर्गत चतरोचट्टी पंचायत के तिसकोपी गांव में 12 मई को कमली देवी (33 वर्ष) की मौत कीटकनाशक दवा खाने से हो गयी. उनके पति विश्वनाथ महतो मलेशिया में काम करते हैं.

  • 18 मई : गोमिया प्रखंड अंतर्गत चिपरी गांव के अगरइया टोला निवासी सुकर अगरिया की पत्नी पूनम देवी (33 वर्ष) मौत कीटनाशक दवा खाने से हो गयी.

  • 30 मई : तेनुघाट डी टाइप कॉलोनी में संजय कुमार पाठक ने फांसी लगाकर जान दे दी थी. लॉकडाउन के दौरान नौकरी चले जाने के कारण वह तनाव में थे.

  • 10 जून : नया रोड फुसरो निवासी अर्जुन शर्मा के दिव्यांग पुत्र मनु शर्मा (25 वर्ष) ने फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली.

  • 14 जून : बड़कीपुन्नू के कोवाड टोला में 45 वर्षीय राजेश रविदास का शव उनके घर में फंदे से लटका मिला था. उन्होंने फांसी लगा कर जान दे दी थी.

  • 14 जून : जारंगडीह परियोजना के इएंडएम सेक्शन के मैकेनिक हेल्पर भागीरथ मोदी (51 वर्ष) ने मंशा नगर स्थित आवास संख्या-टीसी-48 में फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली.

  • 19 जून : दुगदा डाउन काॅलोनी निवासी ज्योति दास के मंझले पुत्र भास्कर दास (19 वर्ष) ने गमछा का फंदा लगा कर आत्महत्या कर ली़ वह ओड़िसा में टावर लाइन में काम करता था़ 21 मई को वापस लौटा था और होम कोरेंटिन में था.

  • 22 जून : गांधीनगर थाना क्षेत्र के जरीडीह पश्चिमी पंचायत के सोतारटाड़ बस्ती के सोहन महतो (29 वर्ष) ने अपने घर के एक कमरे में फांसी लगाकर जान दे दी. वह प्राइवेट डंपर चालक था और तीन माह से काम पर नहीं जा रहा था.

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