न्यायालय ने ट्रायल के दौरान भादवि की धारा 363 में दोषी पाकर यह सजा दी. सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष से कुल नौ लोगों की गवाही हुई थी. नाबालिग के अपहरण का आरोप इन पर था. इस मामले में अभियोजन पक्ष से अपर लोक अभियाेजक ब्रह्मदेव पांडेय व बचाव पक्ष से एडवोकेट अमर सिंह ने पक्ष रखा.
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अपहरण के आरोपित को तीन साल की सश्रम सजा
देवघर: सेशन जज दो कृष्ण कुमार की अदालत ने अपहरण के मामले में आरोपित सुभाष यादव को दोषी पाकर तीन साल की सश्रम सजा सुनायी है. साथ ही दस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया. जुर्माना की राशि नहीं देने पर तीन माह की सामान्य कैद अलग से काटनी होगी. यह राशि पीड़िता को […]
देवघर: सेशन जज दो कृष्ण कुमार की अदालत ने अपहरण के मामले में आरोपित सुभाष यादव को दोषी पाकर तीन साल की सश्रम सजा सुनायी है. साथ ही दस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया. जुर्माना की राशि नहीं देने पर तीन माह की सामान्य कैद अलग से काटनी होगी. यह राशि पीड़िता को दी जायेगी.
क्या था यह मामला
वर्णवाल धर्मशाला के पास एक शादी समारोह में नाबालिग अपने परिजनों के साथ 16 अगस्त 2010 में आयी थी. समारोह स्थल से ही शादी की नीयत से अपहरण कर लिया था. पीड़िता के पिता के बयान पर नगर थाना में कांड संख्या 320/2010 दर्ज किया गया जिसमें सुभाष यादव को आरोपित बनाया गया. बाद में लड़की दिल्ली से बरामद हुई थी. पुलिस ने इसमें दुष्कर्म की भी धारा जोड़ दी थी. न्यायालय में गवाही के दौरान दुष्कर्म की पुष्टि नहीं की. आरोपित मगही गांव थाना लक्ष्मीपुर जिला जमुई का रहने वाला है. कोर्ट में दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद तीन साल की सश्रम सजा दी.
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