इससे पहले जांच टीम जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय भी पहुंची थी, लेकिन जिला शिक्षा अधीक्षक के कार्यालय में उपस्थित नहीं होने के कारण जांच टीम को बैरंग लौटना पड़ा था. इससे पहले दंडाधिकारी की अगुवाई में इंटर प्रशिक्षित शिक्षक नियुक्ति की जांच की गयी थी. जांच में घोर अनियमितता एवं फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया था.
शिक्षक नियुक्ति में घोर अनियमितता एवं फर्जीवाड़ा का मामला सामने आने के बाद उपायुक्त देवघर द्वारा जिला शिक्षा पदाधिकारी देवघर को दोषियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश दिया गया था. उपायुक्त देवघर के आदेशानुसार नगर थाना देवघर में जिला शिक्षा अधीक्षक सुधांशु शेखर मेहता सहित कार्यालय के लिपिक मनीष कुमार, लिपिक संतोष कुमार व अन्य के विरुद्ध 04.05.2016 को टाउन थाने में प्राथमिकी दर्ज कराया गया था.