विद्यालय भवन ढहने की घटना के बाद विभागीय स्तर पर नगर थाने में कनीय अभियंता सहित जवाबदेह लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. लेकिन, आगे की कार्रवाई काफी सुस्त गति से चल रही है. एक ओर सरकार बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं संचालित कर रही है. वहीं दूसरी ओर इस प्रकार की व्यवस्था से कई सवाल खड़ा होने लगा है.
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चार साल में भी नहीं बना विद्यालय का ध्वस्त भवन
देवघर : राजकीयकृत मातृ मंदिर बालिका मध्य विद्यालय का भवन दिसंबर 2012 में ढह गया था. चार वर्ष बीतने के बाद भी अबतक न तो मलबा हटाया गया है. न ही नये भवन के लिए कोई विशेष पहल की गयी है. वर्तमान में इस विद्यालय का संचालन करीब चार किलोमीटर दूर पुराना मीना बाजार कैंपस […]
देवघर : राजकीयकृत मातृ मंदिर बालिका मध्य विद्यालय का भवन दिसंबर 2012 में ढह गया था. चार वर्ष बीतने के बाद भी अबतक न तो मलबा हटाया गया है. न ही नये भवन के लिए कोई विशेष पहल की गयी है. वर्तमान में इस विद्यालय का संचालन करीब चार किलोमीटर दूर पुराना मीना बाजार कैंपस में हो रहा है.
मूल विद्यालय से दूरी अधिक होने के कारण छात्राओं के दाखिले में कमी आयी है. वहीं वर्ग कक्ष में छात्राओं की नियमित उपस्थिति घटती जा रही है. हालांकि छात्राओं, अभिभावकों एवं स्थानीय लोगों द्वारा कई बार नये विद्यालय भवन बनाये जाने की मांग विभागीय पदाधिकारी से की गयी. लेकिन, अबतक कोई सकारात्मक पहल नहीं हुई है.
इस बारे में विस्तृत जानकारी नहीं है. रांची से लौटने के बाद पूरे मामले को देखूंगा. फंड का इंतजाम कर नया स्कूल भवन बनाया जायेगा ताकि लड़कियों को अध्ययन जारी रखने में आसानी हो सके.
– सीवी सिंह,जिला शिक्षा अधीक्षक देवघर.
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