देवघर भूमि घोटाला उजागर होने के बाद दस्तवेजों के सत्यापन के लिए सीबीआइ की टीम ने भू-दान कार्यालय में छापेमारी भी की थी. सीबीआइ को कई भू-दान कार्यालय से कई अहम दस्तावेज भी हाथ लगे थे. बताया जाता है कि 2003 से 2010 तक भू-दान कार्यालय से भू-दान के तहत जमीन आवंटन करने में कई तरह की गड़बड़ियां हुई है.
शहर में कई ऐसे लोगों को भू-दानी जमीन आवंटित कर दी गयी है, जिनके पास पर्याप्त जमीन है. पैरवी की बदोलत नियम विरुद्ध शहर के नामचीन लोगों ने जमीन भू-दान से प्राप्त किया है. अब भू-दान कार्यालय से अचानक दस्तावेजों का चोरी होना, जांच का विषय बन गया है कि चोरी गयी उन दस्तावेजों से किन-किन लोगों को लाभ पहुंचने वाला है.