एक अन्य चिकित्सक डा जिमाउल हक की प्रतिनियुक्ति देवघर कर दी गयी है. सारठ सीएचसी में प्रतिदिन 100-150 मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं. सीएचसी के तहत 30 स्वास्थ्य उपकेंद्र हैं. नियमत: स्वास्थ्य उपकेंद्र भी प्रतिदिन चिकित्सक को जाना होता है. वर्तमान में एकमात्र चिकित्सक रहने के कारण स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गयी है. खास कर रात के समय मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. आलम यह है प्रभारी को 24 घंटा ड्यूटी करनी पड़ रही है.
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एक चिकित्सक के भरोसे 1.17 लाख की आबादी
सारठ: सारठ सीएचसी में चिकित्सकों का टोटा हो चुका है. प्रखंड की 1.17 लाख की आबादी अब केवल एक चिकित्सक के भरोसे टिकी हुई है. सीएचसी प्रभारी डा विधु विबोध पर ना केवल आने वाले मरीजों को स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने की जिम्मेवारी है, बल्कि कार्यालय के अन्य कामकाज को संभालने की भी जवाबदेही है. […]
सारठ: सारठ सीएचसी में चिकित्सकों का टोटा हो चुका है. प्रखंड की 1.17 लाख की आबादी अब केवल एक चिकित्सक के भरोसे टिकी हुई है. सीएचसी प्रभारी डा विधु विबोध पर ना केवल आने वाले मरीजों को स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने की जिम्मेवारी है, बल्कि कार्यालय के अन्य कामकाज को संभालने की भी जवाबदेही है.
कहते हैं सीएचसी प्रभारी
सीएचसी प्रभारी डा विधु विबोध ने कहा कि कार्य निष्पादन में भारी परेशानी हो रही है. सीएस को पत्र लिख कर डा जिमाउल हक की प्रतिनियुक्ती रद्द करने व दो अन्य चिकित्सक की प्रतिनियिुक्ति करने का अनुरोध किया गया है.
बेहतर सुविधा देने का दावा खोखला
स्वास्थ्य विभाग के लाख प्रयास के बावजूद भी चिकित्सकों की कमी दूर नहीं हो रही है. नतीजा मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. मजबूरन कई मरीजों का प्राथमिक उपचार कर रेफर कर िदया जाता है.
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