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वाहन चोरों का सरदार बरहरवा का नासिर

खुलासा . कहलगांव पुलिस की गिरफ्तारी के बाद परत-दर-परत खुल रहे सारे राज देवघर : कहलगांव से छह दिन पहले लापता स्कॉर्पियो व उसके चालक की हत्या के मामले में बिहार पुलिस ने जिन लोगों को गिरफ्तार किया है उसने पुलिस ने कहा था कि स्कॉर्पियो को बरहरबा के नासिर को बेची थी. नासिर वो […]

खुलासा . कहलगांव पुलिस की गिरफ्तारी के बाद परत-दर-परत खुल रहे सारे राज

देवघर : कहलगांव से छह दिन पहले लापता स्कॉर्पियो व उसके चालक की हत्या के मामले में बिहार पुलिस ने जिन लोगों को गिरफ्तार किया है उसने पुलिस ने कहा था कि स्कॉर्पियो को बरहरबा के नासिर को बेची थी. नासिर वो शख्स है जिसका सीधा संबंध इंटरनेशनल वाहन चोर गिरोहों से है. झारखंड, बिहार व पश्चिम बंगाल में नासिर के दर्जनों गुर्गे काम करते हैं और वाहन चाेरी कर उसे बंगलादेश में बेच देते हैं. तीन वींग काम करता है नािसर का.
पहला विंग वाहन चोरी करता है, दूसरा जाली कागजात बनाता है, तीसरा वाहनों के इंजन व चेचिस नंबर बदलता है. एक अन्य विंग चोरी के वाहनों को बंगलादेश पहुंचाता है. इस पूरी प्रक्रिया में नासिर का भांजा उसके साथ रहता है. उधर नासिर की बरहरवा पुलिस महकमे में भी खूब चलती है. उसकी गिरफ्तारी के दिन जब बिहार पुिलस बरहरवा पहुंची थी
तो वहां थाने में उसकी ठाट बाट देख कर बिहार पुलिस दंग रह गयी थी. संयोगवश उसदिन वहां के थानेदार सीएम के कार्यक्रम में व्यस्त थे. कोई भी पुलिस कर्मी नासिर की टोह देना नहीं चाह रहा था. काफी देर बाद वहीं एक नासिर के विरोधी पुलिस कर्मी ने नासिर की टोह बिहार पुलिस को दे दी. यह टोह बिल्कुल पक्की थी. ठिकाने पर नासिर उपलब्ध था और उसकी गिरफ्तारी संभव हो सकी.
बरहरवा थाने में नासिर के ठाठ-बाट से अचंभित हो गयी थी बिहार पुलिस
भांजे के नाम नासिर की काली कमाई
बिहार पुलिस ने यहां तक पता लगाया है कि नासिर अपनी सारी काली कमाई अपने भांजे के नाम रखता है. उक्त भांजा बरहरवा में टेलर की दुकान चलाता है. सूत्र तो यह भी बताते हैं कि यह टेलर की दुकान उसके लिए सिर्फ दिखावे के लिए है. उसका असली धंधा अपने मामा को वाहन चोरी में सहयोग करना है. लेकिन ना तो पुलिस को इसकी खबर तक नहीं थी कि वाहन चाेर गिरोह का सरदार बरहरवा का ही रहने वाला है.
मिनटों में वाहन का काम तमाम
नासिर वाहन चोरी में इतना एक्सपर्ट है कि मिनटों में वाहन का काम तमाम कर देता है. वाहन चोरी होते ही वो रास्ते में ही इसकी सेटिंग शुरू कर देता है. उसके पाले में वाहन आते ही बंगलादेश खबर चली जाती है कि नया मुल्ला फंसा है. इतने में कुछ ही घंटों में वाहन बंगलादेश पहुंच जाता है. वाहन चोरी होते ही उसका चेचिस व इंजन नंबर नासिर के पास पहुंच जाता था और शुरू हाे जाता था जाली कागजात बनाने का काम. वाहन उसके हाथ आते ही चेिचस नंबर व इंजन नंबर बदल दिया जाता था.
बरहरवा पुलिस की बड़ी चुनौती
नासिर वाहन चोरी करता है उसे बंगलादेश भेजता है. लेकिन कैसे भेजता होगा इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है. बाॅर्डर पर वाहनों की चेकिंग होती है. हर दिन शहर में वाहन चेकिंग होती है. इसपर सवाल यह उठता है कि नासिर चोरी की गाड़ी कैसे जिले में लाता था.
बांग्लादेश में बेचता है चोरी के वाहन
नासिर का सीधा संबंध इंटरनेशनल वाहन चोर गिरोहों से है. हर रोज कोई ना कोई वाहन चोरी करता है और उसे बंगलादेश के बाजार में भेजने का काम करता है. यह आसपास के इलाकों सहित अन्य जिलों के वाहन चोर भी नासिर के बिल्कुल संपर्क में रहते हैं. हर राेज एक वाहन को नासिर जमींदोज कर देता है. कहलगांव से गायब स्कॉर्पियाे को भी उसने बंगलादेश में बेच दिया है.
नासिर के एक भांजे के पास है करीब तीन सौ ट्रक जबकि नासिर के पास महज तीन ही ट्रक है
दोनों मामा भांजे की बरहरवा के पुलिस महकमे में खूब चलती है

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