इस मामले में परिवादी ने परित्राण मेडिकल कॉलेज के निदेशक शंभु शर्मा तथा विजय शंकर सिंह को आरोपित किया है. मुकदमा दर्ज होने के बाद परिवादी ने कोर्ट में गवाह प्रस्तुत किया. कोर्ट द्वारा संज्ञान लेने के बाद सम्मन जारी किया. बाद में वारंट व गैर जमानती वारंट का अादेश दिया. न्यायलय की प्रक्रिया होने के बाद भी आरोपित विजय शंकर हाजिर नहीं हुए. पुलिस ने इश्तेहार भी जारी किया. इस केस के आरोपित शंभु शर्मा ने अपने आरोपों के विरुद्ध हाइकोर्ट में क्वाइस पिटीशन दाखिल किया था जहां से इन्हें राहत दे दी गयी है. मामले के दूसरे आरोपित के विरुद्ध मामला चल रहा है.
बाद में आराेपित ने तय किराया की राशि नहीं दी. परिवादी ने बकाया पैसे मांगा तो आरोपित ने पैसे देने से इनकार कर दिया. साथ ही परिवादी की जेसीबी भी रोक कर रख ली थी. यह घटना 20 अगस्त 2009 को परित्राण मेडिकल कॉलेज दर्दमारा में घटी. आरोपित मूलत: बिहार राज्य के माेकामा थाना के छतरपुर गांव के रहने वाले हैं.