देवघर : 01.04.2013 को नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा अधिनियम 2009 लागू हुआ है. लेकिन, देवघर में योजना को धरातल पर नहीं उतारा जा सका है. 2108 प्राइमरी एवं मिडिल स्कूलों में नामांकित 2.83 लाख छात्र-छात्राओं के अनुपात में विषयवार शिक्षक और हर शिक्षक के लिए अलग-अलग कमरे की व्यवस्था नहीं है.
विभागीय सूत्रों की माने तो जिले के करीब आधे से अधिक स्कूलों में छात्रों एवं शिक्षकों के अनुपात में वर्ग कक्ष नहीं है. अधिनियम में शिक्षकों एवं कमरे का प्रावधान किये जाने के बाद भी इसे सख्ती से लागू नहीं करना विभागीय कार्यशैली पर कई गंभीर सवाल खड़ा करता है.
वर्तमान समय में कमरे के अभाव में बच्चे बरामदे पर पढ़ते नजर आते हैं. भाषा के शिक्षक विज्ञान तो कभी इतिहास, तो कभी भूगोल पढ़ाते नजर आते हैं. माता-पिता व अभिभावक सोचते हैं कि हालत बदल जायेगा. लेकिन, कब तक बदलेगा इस बारे में विभाग भी ठोस आश्वासन नहीं देता है. सरकारी स्कूलों में योजना के सफल संचालन के लिए सरकार द्वारा करोड़ों रुपये आवंटन दिया जाता है. लेकिन, पैसा खर्च के बाद भी बच्चे अब भी उपेक्षित ही हैं.