देवघर: सरकारी धान क्रय केंद्र नहीं खुलने से किसानों की मेहनत की कमाई पर सेंध लग रहा है. किसान से हाट व बाजार में औने-पौने पर धान की खरीदारी हो रही है. ग्रामीण क्षेत्रों के हाट में हजारों क्विंटल धान की अवैध खरीदारी कर राइस मिल में टपाया जा रहा है. हाट व बाजार में एक हजार रुपये से 1100 रुपये प्रति क्विंटल धान की खरीदारी हो रही है.
इसमें किसानों को 200 से 310 रुपये तक प्रति क्विंटल नुकसान पहुंच रहा है. सरकार ने इस वर्ष सरकारी धान क्रय केंद में 1310 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदारी की स्वीकृति दी है. सहकारिता विभाग ने देवघर जिले में कुल 103 सरकारी धान क्रय केंद्र खोलने की सूची फाइनल की है. इसमें पैक्स, लैम्स व ग्रेन गोला है.विभाग ने इस वर्ष चार लाख, दस हजार क्विंटल धान की खरीदारी का लक्ष्य रखा है. लेकिन जिस प्रकार हाट व बाजार में धान की धड़ल्ले से खरीदारी हो रही है, उस अनुसार यह हासिल करने में विभाग पिछड़ सकती है. इसका सर्वाधिक नुकसान किसानों को उठाना पड़ेगा. विभाग द्वारा 103 सरकारी धान क्रय केंद्रों के लिए लगभग 54 करोड़ रुपये का डिमांड राशि सरकार को भेजी गयी है. लेकिन सरकार से अभी तक कोई हरी झंडी नहीं मिली है.
अब तक खुल जाना था केंद्र
धान की कटाई 10 दिसंबर तक लगभग पूर्ण हो चुकी है. इसी आधार पर विभाग ने एक माह पहले सरकार को डिमांड राशि भेज दी. ताकि 15 दिसंबर तक सारे धान क्रय केंद्र खोल दिये जाये, लेकिन जनवरी आगमन के बाद भी सरकार की ओर धान क्रय केंद्र खुलने के कोई संकेत नहीं मिली है. इससे किसान हाट व बाजार में बिचौलिये के हाथों औने-पौने दर पर धान की बिक्री कर ठगी के शिकार हो रहे हैं. जबकि 2011-12 में अब तक धान क्रय केंद्र खुल चुका था.
क्या कहते हैं पदाधिकारी
‘ 103 धान क्रय केंद्र खोलने के लिए डिमांड राशि एक माह पूर्व भेज दी गयी है. अब तक सरकार से कोई संकेत नहीं आया है. लगातार उच्चाधिकारियों से संपर्क किया जा रहा है. 10-15 दिनों में क्रय केंद्र खुलने की संभावना है’
रामकुमार प्रसाद,
जिला सहकारिता पदाधिकारी, देवघर