ग्राम पंचायतों में मुखिया व पंचायत सचिव के संयुक्त हस्ताक्षर से बैंक खातों से राशि निकासी कर योजनाओं के क्रियान्वयन में खर्च किया जाना है. लेकिन अभी भी नयी पंचायतीराज व्यवस्था में मुखिया को यह वित्तीय शक्तियां नहीं मिली है.
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खाताें में पड़ी है विकास की राशि, पंचायत को राशि खर्च करने का अधिकार नहीं
देवघर: पंचायत चुनाव के तीन माह बीत जाने के बाद भी ग्राम पंचायतों में मुखिया को अधिकार नहीं दिया गया है. सरकार पंचायत को सशक्त करने के लिए कई घोषणाएं कर रही है. मुख्यमंत्री रघुवर दास स्वयं दरी पर बैठकर ग्राम सभा में योजना बनाने के लिए अभियान चला रहे हैं. लेकिन पंचायतों के खाते […]
देवघर: पंचायत चुनाव के तीन माह बीत जाने के बाद भी ग्राम पंचायतों में मुखिया को अधिकार नहीं दिया गया है. सरकार पंचायत को सशक्त करने के लिए कई घोषणाएं कर रही है. मुख्यमंत्री रघुवर दास स्वयं दरी पर बैठकर ग्राम सभा में योजना बनाने के लिए अभियान चला रहे हैं. लेकिन पंचायतों के खाते में कई माह से पड़ी विकास योजनाओं की राशि खर्च नहीं हो पा रही है.
ग्राम पंचायतों में मुखिया व पंचायत सचिव के संयुक्त हस्ताक्षर से बैंक खातों से राशि निकासी कर योजनाओं के क्रियान्वयन में खर्च किया जाना है. लेकिन अभी भी नयी पंचायतीराज व्यवस्था में मुखिया को यह वित्तीय शक्तियां नहीं मिली है.
बालू घाटों की राशि छह माह से खाते में
सरकार ने बालू से प्राप्त होने वाली 80 फीसदी राशि पंचायतों के हवाले तो कर दी, लेकिन पंचायतों में प्रशासनिक बाधा के कारण विकास में यह राशि खर्च नहीं हो रही है. पिछले छह माह से बालू घाटों के संबंधित पंचायतों के खाते में विकास की राशि पड़ी हुई है, लेकिन एक रुपया भी खर्च नहीं हो पाया है. बालू से विकास योजनाओं का सपना अब तक धरा ही रह गया है.
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