देवघर: शहर के व्यवसायी व ठेकेदार अपराधियों के निशाने पर हैं. पुलिस की खुफिया तंत्र निष्क्रिय हो गयी है. शहर में किसी वारदात को अंजाम देने के इरादे से खुलेआम हथियार लेकर अपराधी घूम रहे हैं. पिछले दो दिनों में शहर में जिस तरह से कट्टा व कारतूस के साथ सात शातिर अपराधी पकड़े गये हैं, उससे तो यही लग रहा है. इस अपराधियों को पकड़वाने ने पुलिस की लिंक की जगह शहरवासियों की सक्रियता का काम आयी. ऐसे में शहरवासी खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं.
लोकल खुफिया लिंक फेल
शहर में अपराधियों के दाखिल होने की भनक पुलिस को भी नहीं लगी. इसका एक बड़ा कारण पुलिस की लोकल खुफिया तंत्र को फेल होना बताया जा रहा है. सात महीनों के दौरान जिले के तीन एसपी, पांच डीएसपी, कई पुलिस इंस्पेक्टर व थानेदार का तबादला हो चुका है. इस कारण लिंक की प्रोपर मॉनिटरिंग नहीं हुई. अपराधियों का लिंक पुलिसिया कमियों के कारण पुलिस पर ही भारी पड़ रहा है. इसका लाभ उठाते हुए अपराधी छोटी-बड़ी घटनाओं को अंजाम देते रहते हैं.
पुस्तक व्यवसायी थे टारगेट में
हदहदिया पुल के समीप से गिरफ्तार अपराधियों ने पूछताछ में कई अहम खुलासे किये गये हैं. जानकारी के अनुसार, वे शहर के एक किताब दुकानदार की हत्या के इरादे से दाखिल हुए थे. वे लोकल लिंक के संपर्क में थे. अपराधियों जमुई व गिरिडीह के रहने वाले थे. लोकल लिंग से अपराधियों को व्यवसायी को फोटो मिलना था, लेकिन इसके पहले पुलिस के हत्थे चढ़ गये. इसके अलावा सोमवार को बांका व बौंसी के अपराधी कृष्णा टॉकीज के समीप दिनदहाड़े एक प्रतिष्ठान मालिक के यहां लूट की घटना को अंजाम देने के इरादे से पहुंचे थे.