देवघर: जालेश्वर दास हत्याकांड में कोर्ट ने आरोपितों के विरुद्ध शिकंजा कसते हुए गैर जमानती वारंट जारी किया है. इस मामले के नामजद चार आरोपितों रवि दास, भरत दास, केदार दास व सुलचंद यादव के विरुद्ध धारा 302, 201 व 34 के तहत संज्ञान लेकर उक्त आदेश दिया है. इस मामले को पुलिस ने जांच के दौरान फाइनल कर दिया था. वरीय पुलिस पदाधिकारी के निर्देश पर तथ्य की भूल कहकर अंतिम प्रतिवेदन दाखिल कर दिया था.
कोर्ट द्वारा इस मामले की सूचिका प्यारी देवी को नोटिस भेजा गयी. उन्होंने कोर्ट में प्रोटेस्ट दाखिल कर आशंका पहले ही जतायी थी कि पुलिस इस मामले में सही अनुसंधान नहीं कर रही है. न्यायिक दंडाधिकारी राजीव रंजन की अदालत में मृतक की पत्नी की ओर से दाखिल विरोध आवेदन व केस डायरी के गवाहों के तथ्यों के अवलोकन के बाद एफआइआर की दर्ज धाराओं को सही पाकर संज्ञान लिया गया. इधर इस मामले के दो आरोपितों की अग्रिम जमानत आवेदन जिला जज एवं हाइकोर्ट से भी खारिज हो चुकी है. इसके बाद भी न्यायालय में सरेंडर न करने की स्थिति में गैर जमानती वारंट जारी किया गया है.
क्या है मामला : मोहनपुर थाने के जयसिंहाडीह गांव के जालेश्वर दास अपने घर से दुकान सामान लाने के लिए निकले थे. इसी बीच आरोपितों ने पहले से चल रहे विवाद में सुलह के लिए बुलाया. देर रात तक वह घर नहीं लौटा तो उनकी पत्नी को आशंका हुई. दूसरे दिन उनके पति का शव कुएं में मिला. मृतक की पत्नी प्यारी देवी के बयान पर मुकदमा दर्ज हुआ जिसमें उपरोक्त चारों को आरोपित बनाया गया. घटना 28 जुलाई 2011 की है. केस फाइनल करने के बाद प्रोटेस्ट पर टीआर केस नंबर 1192/13 दर्ज कर संज्ञान लिया गया और कोर्ट में हाजिर होने के लिए सम्मन किया. सम्मन पर उपस्थित नहीं होने पर गैर जमानती वारंट जारी का आदेश दिया गया.