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अब भी विशेषज्ञ चिकित्सकों से महरूम है बाबानगरी के लोग अंतराष्ट्रीय स्तर के धार्मिक नगर होने के बावजूद देवघर में नहीं अत्याधुनिक चिकित्सा की सुविधा फोटो सदर अस्पताल की. संवाददाता, देवघर हाल के दिनों में सरकार की अोर से राज्य के चार सदर अस्पतालों (हजारीबाग, दुमका, रामगढ़ व एक अन्य जिले) में 56 चिकित्सकों की […]

अब भी विशेषज्ञ चिकित्सकों से महरूम है बाबानगरी के लोग अंतराष्ट्रीय स्तर के धार्मिक नगर होने के बावजूद देवघर में नहीं अत्याधुनिक चिकित्सा की सुविधा फोटो सदर अस्पताल की. संवाददाता, देवघर हाल के दिनों में सरकार की अोर से राज्य के चार सदर अस्पतालों (हजारीबाग, दुमका, रामगढ़ व एक अन्य जिले) में 56 चिकित्सकों की प्रतिनियुक्ति की गयी. प्रत्येक सदर को 14-14 चिकित्सक दिये गये. मगर इसके बावजूद देवघर सदर अस्पताल को एक अदद चिकित्सक नहीं मिला. यदि देवघर अस्पताल को जिला अस्पताल का दर्जा होता तो यहां के भी कई विभागों में विशेषज्ञ चिकित्सक भी सेवारत रहते, जिसका देवघरवासियों को समुचित लाभ नहीं मिल पाता. मजबूरन यहां चिकित्सक छोटी से छोटी घटना होने पर भी प्राथमिक उपचार के बाद मरीज को हाइयर सेंटर रेफर कर देते हैं. दो वर्ष पूर्व तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र सिंह ने देवघर में अस्पताल को सदर का दर्जा दिये जाने की मौखिक घोषणा की थी, लेकिन रांची पहुंचते ही घोषणा भुला दिये गये. घोषणा को कागज पर उतारने में कहां मामला फंस गया. यह कोई नहीं जान सका. नतीजा सदर को जिला अस्पताल का दर्जा नहीं मिला. यह हाल तब है जब देवघर एक विश्व प्रसिद्ध तीर्थनगरी है. आज भी यहां का अस्पताल अनुमंडलीय अस्पताल के रूप में कार्यरत है. स्वास्थ्य विभाग के एक जानकार के अनुसार सदर को जिला अस्पताल का दर्जा होता तो यहां 22-24 चिकित्सकों की प्रतिनियुक्ति होती. इसमें चार गाइकनोलॉजिस्ट, चार पेडीट्रिशयन, चार सर्जन, न्यूरो सर्जन, चार फिजिशियन, चार हड्डी रोग विशेषज्ञ के अलावा अल्ट्रासाउंड, इंजीयोग्राफी, इसीजी स्पेशलिस्ट(विशेषज्ञ) चिकित्सक होते. इसका जनता को व्यापक लाभ मिल पाता. फिलहाल देवघर सदर में मात्र 12-13 चिकित्सक ही कार्यरत हैं, जिसमें एक शिशु रोग, एक हड्डी, एक सर्जन, एक डेंटिस्ट, एक चर्मरोग समेत तीन-चार फिजिशियन आदि शामिल हैं. जबकि जिले से दो मंत्री राज्य कैबिनेट में अौर सांसद केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी से तालुक रखते हैं. घोषणाएं तो बहुत हो रही है, मगर कुछ जमीन पर उतरता नहीं दिख रहा. इससे जनता ठगा सा महसूस कर रहे हैं. कहते हैं सीएस. – नये भवन में सदर अस्पताल के शिफ्ट होने की तैयारी चल रही है. इसके लिए राज्य सरकार व विभाग के वरीय अधिकारियों से फंड की डिमांड की गयी है. जब नये भवन में अस्पताल शिफ्ट होगा तो स्वाभाविक तौर पर सुविधाएं भी बढ़ेंगी. – डॉ एसएन तिवारी, प्रभारी सीएस.

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