देवघर: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआइ) ने देश के प्रमुख मंदिर प्रबंधन को पत्र लिख कर मंदिरों में सोने के भंडार की वास्तविक जानकारी देने का आग्रह किया है. एक अनुमान के अनुसार देश के प्रमुख मंदिरों में लगभग 30 हजार टन सोने का भंडार है.
आरबीआइ के इस पहल को अंतरराष्ट्रीय बाजार में रुपये के हो रहे अवमूल्यन से जोड़ कर देखा जा रहा है. उनमें से कुछ मंदिर प्रबंधन ने जानकारी देने से इनकार किया है. मंदिर प्रबंधनों का कहना है कि आर्थिक मामलों में राज्यों का हस्तक्षेप नहीं चलेगा.
उनके इस इनकार का कुछ राजनीतिक पार्टियां व हिंदुवादी संगठनों ने विरोध शुरू कर दिया है. देवघर स्थित बाबामंदिर में सोना चढ़ाने की पुरानी परंपरा रही है. हालांकि वर्ष 2000 में मंदिर प्रबंधन बोर्ड गठन के बाद से मंदिर के कोष में स्वर्ण आभूषण सुरक्षित रखे जाने की व्यवस्था की गयी है. मंदिर प्रबंधन सूत्र की मानें, तो बाबा मंदिर प्रबंधन के पास वर्तमान में एक किलो 859 ग्राम (1.859 किलो) सोना व 75 किलो चांदी का स्टॉक है. इसके अलावा लोगों की मानें तो बाबामंदिर के गुंबज में सवा मन सोने का कलश स्थापित है. जबकि 30 किलो चांदी के बरतन आदि रोजाना पूजन सामग्री के रूप में उपयोग में लाया जाता है. इस संबंध में मंदिर प्रभारी विंदेश्वरी कुमार झा ने बताया कि आरबीआइ द्वारा किसी तरह की जानकारी संबंधी पत्र प्रबंधन के पास नहीं आया है.
ढूंढे जा रहे हैं स्वर्ण भंडार
रुपये के अवमूल्यन पर रोकथाम के लिए देश में स्वर्ण भंडार को बढ़ाने की कोशिशें जारी है. इसी कड़ी में एएसआइ द्वारा उन्नाव जिले(यूपी) के दौंदिया खेड़ा में राजा राम रामबख्श सिंह के किले की खुदाई की जा रही है. इसके अलावा जियोलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा भी देश के कई हिस्सों में सर्वे कार्य चलाया जा रहा है.