मेडिकल कैंप, बच्चों के लिए अलग-अलग कार्यशालाएं, वोकेशनल ट्रेनिंग प्रोग्राम चल रहे हैं. इसके साथ ही आत्मदर्शी आराधना का कार्यक्रम भी चल रहा है. रजत जयंती समारोह की पूर्णाहुति शतचंडी महायज्ञ(12-16 दिसंबर) से आरंभ होगी और योग पूर्णिमा (21-25 दिसंबर) के साथ समाप्त होगी. इन दो यज्ञों के बीज 17 से 20 दिसंबर तक आत्मदर्शी उत्सव आयोजित किया जायेगा.
उत्सव के दौरान इस पुनीत अवसर पर एक स्मारिका प्रकाशित की जायेगी और इसे भक्तों को प्रसाद स्वरूप दिया जायेगा. गुरु पूर्णिमा के पूर्व भक्तों से इस स्मारिका के लिए संस्मरण, रिखिया के अनुभव आमंत्रित किये गये हैं. जिन भक्तों के पास स्वामीजी के साथ की तसवीरें हैं, उनसे भी तसवीरें भेजने का निवेदन किया गया है. जानकारी रजत जयंती समारोह समिति के संयोजक स्वामी सूर्यप्रकाश ने दी है.