देवघर: नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू है. बीपीएल कोटि के बच्चों का दाखिला सभी चिह्न्ति स्कूलों में हो और योजना का लाभ बच्चों को शत-प्रतिशत मिले. इसे सुनिश्चित करना निजी स्कूलों के प्रबंधन का काम है.
योजना के सफल संचालन में किसी प्रकार की त्रुटि पायी जाती है तो अधिनियम के तहत कार्रवाई भी की जायेगी. यह बातें जिले के निजी स्कूलों के प्रिंसिपल के साथ बैठक में जिला शिक्षा अधीक्षक सुधांशु शेखर मेहता ने कही. डीएसइ कार्यालय के सभागार में आयोजित बैठक में प्रिंसिपल ने परेशानी गिनाते हुए कहा कि क्षेत्र में गरीब बच्चे तो हैं. लेकिन, बीपीएल कार्ड नहीं होने के कारण नामांकन नहीं ले पाते हैं.
मामले को गंभीरता से लेते हुए डीएसइ ने कहा कि स्कूल के एक किलोमीटर की परिधि में अगर बच्चे उपलब्ध नहीं हैं, तो दो से तीन किलोमीटर के परिधि में रहनेवाले बच्चों का भी दाखिला स्कूल प्रबंधन सुनिश्चित करें. ताकि योजना का लाभ गरीब बच्चों को मिल सके.
डीएसइ ने कहा कि दाखिले के नाम पर स्कूल प्रबंधन मनमानी नहीं करें. बच्चों का न ही रि-एडमिशन लें और न ही दाखिले के लिए किसी प्रकार का साक्षात्कार. इस अवसर पर एरिया ऑफिसर अनिल चौधरी, विद्यालय निरीक्षका राज कुमारी, एडीपीओ संजय कुमार कापरी, बीइइओ बलबंत सहाय, जीएन मिश्र, विनोद कुमार, नरेंद्र कुमार, विपिन कुमार, एपीओ सतीश मिश्र, कुलदीपक अग्रवाल, गीता देवी डीएवी स्कूल के प्रिंसिपल डॉ बीपी यादव, रेड रोज प्लस टू स्कूल के प्रिंसिपल राम सेवक गुंजन, देवसंघ नेशनल स्कूल के प्रिंसिपल पंकज कुमार, देवघर सेंट्रल स्कूल के प्रिंसिपल सुबोध झा, तक्षशिला विद्यापीठ के प्रिंसिपल डॉ प्रद्युत घोष आदि उपस्थित थे.