गर्भवती होने पर टेस्ट कराने के बहाने आरोपितों ने दो बार अल्ट्रासाउंड कराया व बच्ची होने की जानकारी पर जबरन दो बार गर्भपात करा दिया. दो बार गर्भपात होने पर आरोपितों ने पति को उकसाते हुए कहा कि इसे लड़की हो रहा है पांच लाख रुपया मायके से दहेज मांग कर लाने कहो. पिता के साधारण टाइपिस्ट होने व नहीं दे पाने की बात कहने पर आरोपितों ने शारीरिक-मानसिक तौर पर प्रताड़ित करना शुरू किया. बात-बात पर मारपीट किया जाने लगा. सास-ननद शरीर पर गरम चाय फेंक देती थी.
ननदोई कहता था कि इसे मार भगाओ राकेश की दूसरी शादी करा देंगे. 2008 में पिता को बुलाया, सामान छीन कर आरोपितों ने घर से निकाल दिया. पंचायती कराया, पंचों के कहने पर पिता ने ससुराल वालों को बतौर दहेज डेढ़ लाख रुपया दिया. इसके बाद विदाई कर ले गया, कुछ दिनों तक ठीक से रखा. 2014 में फिर अमानवीय व्यवहार करना शुरू किया. केरोसिन छिड़क कर जलाने का प्रयास किया गया.मार्च 2015 में पिता को बुलाया, कहा दहेज नहीं मिला तो नहीं रखेंगे. मायके वालों के सामने मारपीट कर जेवरात छिनतई किया और घर से निकाल दिया. पिता ने साथ में मायके लाया, तब से यहीं रह रही है. इधर 18 अप्रैल को पति, सास व ननद भी मायके पहुंच गये और पांच लाख नहीं देने पर पति की दूसरी शादी कराने की बात कहने लगे. इस संबंध में नगर (महिला) थाना कांड संख्या 289/15 भादवि की धारा 323, 313, 498ए, 379, 504, 34 के तहत मामला दर्ज कर पुलिस पड़ताल में जुटी है.