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प्रवचन:::: मूलाधार चक्र को जमीन पर दर्शाया है

एसीन समुदाय के लोगों का कट्टर यहूदी जीवन से अलग होना तथा मानव में दिव्यता का अनुभव करना, इस बात का सूचक है कि उन्होंने ईश्वरीय तथा भूमंडलीय शक्तियों के बीच स्वस्थ संतुलन स्थापित किया था. नीचे माता तथा ऊपर पिता की कल्पना तंत्र के शिव तथा शक्ति के सिद्धांत से मिलती-जुलती है. ध्यानास्थ पुरुष […]

एसीन समुदाय के लोगों का कट्टर यहूदी जीवन से अलग होना तथा मानव में दिव्यता का अनुभव करना, इस बात का सूचक है कि उन्होंने ईश्वरीय तथा भूमंडलीय शक्तियों के बीच स्वस्थ संतुलन स्थापित किया था. नीचे माता तथा ऊपर पिता की कल्पना तंत्र के शिव तथा शक्ति के सिद्धांत से मिलती-जुलती है. ध्यानास्थ पुरुष उनकी व्यक्ति चेतना के उच्च रूपांतरण का प्रतीक था. जीवन वृक्ष की सात शाखाएं मानव शरीर में स्थित सात चक्रों को दर्शाती हैं. मूलाधार चक्र को जमीन पर दर्शाया गया है, जो मानवीय चेतना की विकास यात्रा का प्रथम पड़ाव तथा पशु चेतना के विकास का अंतिम पड़ाव है. वृक्ष की सात जड़ें मूलाधार चक्र के नीचे स्थित सात निम्न चक्रों का प्रतीक है. ये निम्न चक्र सुषुम्ना नाड़ी की पृष्ठभूमि कहलाते हैं.

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