देवघर: देवघर सब जज कोर्ट ने 43 वर्षो से चल रहे सरदार पंडा गद्दी की दावेदारी के लिए दायर टाइटल सूट को खारिज कर दिया है. सब जज प्रथम सुनील कुमार सिंह की अदालत ने सभी पक्ष की बहस सुनने के बाद यह निर्णय दिया है.
टाइटिल सूट संख्या 64/70 अजीतानंद ओझा की ओर से दाखिल हुआ था जिसमें सुशील झा समेत डेढ़ दर्जन प्रतिवादी बनाये गये थे. कोर्ट में अजीतानंद ओझा ने दावा किया था कि सरदार पंडा की गद्दी के असल दावेदार वे ही हैं. श्री ओझा के टाइटल सूट की सुनवाई के दौरान कई और दावेदारों ने अपने को बाबा बैद्यनाथ मंदिर की सरदार पंडा की गद्दी का हकदार बताया था. 42 सालों तक टाइटल सूट की सुनवाई की प्रक्रिया चली. दोनों पक्षों को सुना गया. दावेदार यह प्रमाणित नहीं कर पाये कि असल गद्दी का दावेदार कौन है. अंतत: इस टाइटल सूट को खारिज कर दिया गया.
2002 में भी खारिज हुआ था सूट
पहली बार इस सूट को तत्कालीन सब जज एक कमलेश मिश्र ने 23 जुलाई 2002 को खारिज किया था. इसमें कोर्ट ने फैसला दिया था कि यह केस उनके क्षेत्रधिकार से बाहर का है. पुन: वादी की ओर से पीटीशन देकर अनुरोध किया गया कि टाइटल सूट की नये सिरे से सुनवाई की जाये. वादी के इस अनुरोध को कोर्ट ने स्वीकार किया. तत्कालीन फास्ट ट्रैक कोर्ट नलिन कुमार की अदालत ने केस को रिस्टोर करने का आदेश दिया. तब से लेकर आज तक यह वाद न्यायालय में विचाराधीन रहा. सभी पक्षों ने अपने दावे पेश किये. साथ ही साथ दस्तावेज व गवाह आदि भी कोर्ट में पेश किया. फाइनल बहस सुनने के बाद 16 अगस्त 2013 को सब जज एक ने एक बार फिर इस टाइटिल सूट को खारिज कर दिया.