फोटो सुभाष के फोल्डर में संवाददाता, देवघरशिवलिंग के कई रूप हैं. सभी रूपों की अपनी महत्ता है. उक्त बातें काशी से आये पंडित दुर्गेश जी महाराज ने कही. महाराज जी हंसकूप में आयोजित महारूद्र शक्ति महायज्ञ में प्रवचन दे रहे थे. शिव महिमा पर बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि मनोवांछित फल पाने के लिए शिवलिंग के अलग-अलग रूपों की पूजा करें. निश्चित सफलता मिलेगी. उन्होंने कहा कि ब्राह्मण को रस रूप, क्षत्रिय को वाण रूप, वैश्य को स्वर्ण रूप व शुद्र को पत्थर रूप शिवलिंग की पूजा करनी चाहिए. महाराज जी ने कहा कि पार्थिव लिंग की पूजा बहुत मायने रखती है. विद्यार्थियों को 10 हजार पार्थिव लिंग, पुत्र प्राप्ति के लिए सवा लाख, नौकरी, मुकदमा, व्यवसाय लाभ के लिए एक लाख 55 हजार व शिव के सान्निध्य पाने के लिए सवा करोड़ पार्थिव लिंग की ऊं नम: शिवाय मंत्र से पूजा करें. उन्होंने कहा कि अल्प समय में मोक्ष चाहिए तो शिव पुराण का श्रवण करें. सभी पाप नष्ट हो जाते हैं. उन्होंने कई कहानियों के माध्यम से बातों को पुष्ट किया. उन्होंने कहा कि महात्माओं के पास अपना सभी पाप सुना दो. मन निर्मल होकर कथा से निकलो. पाप का गठरी अपने पास मत रखो. उन्होंने पुराणों का हवाला देते हुए चंचला नामक खूब सुंदर वैश्या एक दिन भूल-भटके शिव पुराण सुनने चली जाती है. उसने कथा श्रवण के बाद महात्मा से अपने सारे कुकर्मों व पापों को बतायी. महात्मा ने मुक्ति का रास्ता बताया. वह मोक्ष को प्राप्त हो गयी.
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पार्थिव रूप की करें पूजा होगा लाभ : पंडित दुर्गेश महाराज
फोटो सुभाष के फोल्डर में संवाददाता, देवघरशिवलिंग के कई रूप हैं. सभी रूपों की अपनी महत्ता है. उक्त बातें काशी से आये पंडित दुर्गेश जी महाराज ने कही. महाराज जी हंसकूप में आयोजित महारूद्र शक्ति महायज्ञ में प्रवचन दे रहे थे. शिव महिमा पर बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि मनोवांछित फल पाने के लिए […]
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