देवघर: देवघर नगर निगम के डिप्टी मेयर ने अपने प्रतिनिधि के माध्यम से सूबे के नगर विकास विभाग के सचिव अरुण कुमार सिंह को निगम के विकास कार्यो व समस्याओं से अवगत कराया. सचिव को दिये गये मांग पत्र में डिप्टी मेयर ने कहा है कि जून 2010 को नये परिसीमन के तहत देवघर व मोहनपुर प्रखंड के 44 गांवों को जोड़ कर देवघर नगर निगम बनाया गया. सभी 44 गांवों में तब से अंचल व प्रखंड स्तर की सभी सुविधाएं बंद कर दी गयी है. वर्तमान में नगर निगम के पास कोई सकरुलर भी नहीं है. जिससे गांवों में समुचित विकास किया जाये.
देवघर नगर पालिका के वक्त (अधिसूचित क्षेत्र जसीडीह सहित) कर्मचारियों का स्वीकृत पद 337 व आबादी 50 हजार था. लेकिन, आज 19 वार्ड से बढ़ कर नगर निगम में 35 वार्ड शामिल है. जनसंख्या करीब दो लाख है. लेकिन, आवश्यकता अनुसार न तो कर्मचारी है व ही सृजित पद. नतीजा एक -एक कर्मचारियों पर काम का अतिरिक्त बोझ है.
इस वजह से बीपीएल, एपीएल सर्वे कार्य, होल्डिंग टैक्स विस्तारीकरण, नक्शा सर्वे कार्य, म्यूटेशन, प्रोफेशनल टैक्स, असेस्मेंट कार्य, स्वर्ण जयंती रोजगार योजना सह आवास योजना का कार्य, शौचालय निर्माण कार्य, 13वें वित्तीय आयोग का कार्य, वाटर कनेक्शन आदि का कार्य लंबित पड़ा है. सड़क निर्माण, नाला निर्माण, चापानल अधिष्ठापन, पारिवारिक लाभ योजना मद में राशि उपलब्ध करायी जाये.