मकर संक्रांति पर लगभग तीन हजार कन्या-बटुकों को ‘खिचड़ी’ का भोजन कराया गया. रिखियापीठ में 15 जनवरी को भी सुबह नौ बजे से विशेष अनुष्ठान होगा व हजारों कन्या-बटुकों ‘दही-चूड़ा’ ग्रहण कराया जायेगा. रिखियापीठ में ग्रामीणों के बीच शतचंडी महायज्ञ का प्रसाद वितरण किया गया.
ग्रामीणों में देवी दुर्गा का प्रसाद वितरण पिछले एक माह से प्रत्येक दिन हो रहा है. रिखियापीठ में प्रत्येक वर्ष मकर संक्रांति उत्सव की परंपरा परमहंस स्वामी सत्यानंदजी द्वारा की गयी थी.