देवघर: देवघर शहर से 12 किलोमीटर दूर रिखिया गांव के समीप स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय बिल्कुल सुनसान स्थल पर है. बिहार सीमा सटे यह इलाका नक्सल प्रभावित भी है. नवोदय विद्यालय के आसपास से दो किलोमीटर के दायरे में एक भी आबादी भी नहीं है. रात होते ही आसपास बिल्कुल अंधेरा छा जाता है. नवोदय विद्यालय की सुरक्षा के लिए पुलिस-प्रशासन से कोई व्यवस्था नहीं है. पाकुड़ की घटना के बाद यहां भी भय का माहौल है. नवोदय विद्यालय में कुल 437 छात्र-छात्रएं है. इसमें 125 छात्र व 312 छात्र है. जबकि लगभग 30 स्कूल स्टाफ व उनके परिवार विद्यालय कैंपस में रहते हैं. छात्राओं के हॉस्टल में वार्डन 24 घंटे रहती है. बावजूद रात में यह इलाका असुरक्षित हो जाता है.
दो प्राइवेट गार्ड के जिम्मे सुरक्षा
रात्रि में सुरक्षा के नाम पर नवोदय विद्यालय प्रबंधन की ओर से दो प्राइवेट नाइट गार्ड प्रतिनियुक्त किया गया है. दो गार्डो की निगरानी में पूरा नवोदय विद्यालय रहता है. जबकि नवोदय के ठीक सामने सड़क गुजरी है जो सीधे बिहार में सुनसान जंगल की तरफ जाती है. अपराधी घटना को अंजाम देकर जंगलों की ओर भाग सकते हैं. बताया जाता है कि पूर्व में गरमी छुट्टी के दौरान नवोदय विद्यालय प्रबंधन की ओर से जब प्रशासन से सुरक्षा की मांग की जाती है तो दो चौकीदार मुहैया करा दिया जाता है. लेकिन स्कूल खुलते ही चौकीदार भी नहीं रहता.
क्या कहते हैं प्राचार्य
नवोदय विद्यालय तो भौगोलिक दृष्टि से बिल्कुल सुनसान स्थान पर है. पुलिस की प्रतिनियुक्त की प्रावधान नवोदय विद्यालय में नहीं है. स्कूल होने के कारण हमलोग थोड़ा बेफिक्र रहते हैं. बावजूद अगर सुरक्षा मुहैया कराया जाय तो बेहतर होगा. प्रशासन की ओर से स्थायी रुप से पुलिस की प्रतिनियुक्त होनी चाहिए.
सुनील कुमार शर्मा, प्राचार्य