देवघर: वर्ष 2014 में देवघर में सर्व शिक्षा अभियान कार्यक्रम को कई मायने में याद किया जायेगा. देवघर में सर्व शिक्षा अभियान का हाल संतोषजनक नहीं रहा. प्राइमरी व मिडिल स्कूलों के बच्चों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए चालू वित्तीय वर्ष में स्पील ओवर सहित कुल 116 करोड़ का बजट बनाया गया.
वित्तीय वर्ष 14-15 का बजट 68 करोड़ रुपये है. योजना के तहत कक्षा आठवीं तक के छात्र-छात्रओं को यूनिफॉर्म उपलब्ध कराने के लिए नौ करोड़ रुपये तथा स्पेशल ट्रेनिंग के नाम पर 55 लाख रुपये बजट में प्रावधान किया गया. लेकिन, अबतक न तो छात्र-छात्रओं को यूनिफॉर्म दिया गया और न ही स्पेशल ट्रेनिंग की शुरुआत हुई.
यही हाल टीचर्स ट्रेनिंग का है. टीचर्स ट्रेनिंग के लिए बजट में 76 लाख का प्रावधान किया गया. कार्यक्रम के तहत शिक्षकों को बुनियाद++, नियमित ट्रेनिंग, एकेडमिक स्पोर्ट आदि का प्रशिक्षण दिया जाना था. वर्ष समाप्ति पर है, लेकिन अभी तक ट्रेनिंग प्रोग्राम पूर्ण नहीं हुआ. हालांकि चालू वित्तीय वर्ष में नया कोई सिविल वर्क नहीं था. लेकिन, स्पील वर्क भी अबतक पूरा नहीं हुआ.
एसएमसी ट्रेनिंग के लिए मिला तीन लाख : देवघर में स्कूल मैनेजमेंट कमेटी (एसएमसी) की संख्या 2128 है. अबतक 1849 स्कूलों में एसएमसी का गठन हुआ है. एसएमसी ट्रेनिंग के लिए बजट में तीन लाख रुपये का प्रावधान किया गया. लेकिन, अबतक ट्रेनिंग कार्यक्रम पूरा नहीं हुआ. नतीजा कमेटी अभी भी अपने अधिकार एवं कर्त्तव्यों से पूरी तरह अवगत नहीं हुई है. इसका असर स्कूल में चलाये जा रहे कार्यक्रम पर भी पड़ा है.
विवाद के कारण तीन दर्जन स्कूलों में नहीं हुआ सिविल वर्क : ग्रामीणों के आपसी विवाद की वजह से करीब तीन दर्जन स्कूलों में लंबित सिविल वर्क का काम भी इस वर्ष पूरा नहीं हुआ. विभाग राशि वापस लेने की तैयारी भी कर चुकी है. लेकिन, राशि भी स्कूलों से प्राप्त नहीं किया जा सका है.
केजीबीवी की छात्रओं को नहीं मिला प्रशिक्षण : कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय की छात्रओं को आत्मरक्षार्थ कराटे का प्रशिक्षण दिये जाने का प्रावधान किया गया है. प्रशिक्षण देने के लिए प्रति छात्र 200-200 रुपये की राशि स्वीकृत की गयी. दिसंबर समाप्ति पर है, लेकिन अबतक कराटे का प्रशिक्षण प्रारंभ नहीं हुआ.