देवघर: साइबर ठगी गिरोह के सदस्य अब हाइटेक होते जा रहे हैं. कांड को अंजाम देने में दर्जनों मोबाइल नंबर का उपयोग तो करते ही हैं. वहीं गिरोह के सदस्य लैपटॉप व चारपहिया वाहन से भी लैस हैं.
फोन कर ग्राहक को फंसाने में अब तो युवतियों का भी इस्तेमाल करने लगे हैं. ताकि पहली बार में ही ग्राहक आकर्षित हो जाएं और उन्हें विश्वास हो जाये कि सचमुच में फोन करने वाले बैंक अधिकारी ही हैं.
सूत्रों की मानें तो हाइटेक साइबर ठगी गिरोह के सदस्य रोजाना दिन भर अलग-अलग रूट में लांग ड्राइव पर निकलते हैं, उसी दौरान दो-चार साथी मिल कर ठगी के उद्देश्य से मोबाइल धारकों को कॉल करते हैं. रोजाना इस कार्य के लिये गिरोह सदस्य अलग-अलग रूट का चयन कर इस कार्य को अंजाम देते हैं. ये लोग फर्जी पता-फोटो पर सिम कार्ड निकालते हैं और उसी से लोगों को कॉल करते हैं.
गाड़ी पर घूम-घूम कर दिन भर में एक टीम द्वारा करीब 10 लोगों से ठगी की जाती है. ठगी गिरोह के सदस्य पुलिस से बचने के लिये ऐसा करते हैं, ताकि पुलिस को उनलोगों के सही मोबाइल लोकेशन की जानकारी नहीं लग सके. ठगी कांड को अंजाम देने के पूर्व बीच रास्ते में मोबाइल ऑन करते हैं और कांड को करने के बाद वहीं मोबाइल का स्वीच बंद कर लेते हैं. ठगी गिरोह के सदस्य दूसरी तरकीब यह भी अपनाते हैं कि अपने शहर को छोड़ दूसरे शहर के होटलों में ठिकाना बनाते हैं और कांड को अंजाम देते हैं. इस तरह देवघर नगर थाना क्षेत्र के एक होटल से साइबर मामले के आरोपित पुलिस के हत्थे चढ़ चुके हैं.