क्रियायोग का उद्देश्य व्यक्तित्व के तामसिक गुण को सात्विक गुण में रूपांतरित करना है. क्रियायोग से सभी प्रकार की मानसिक व्याधियों का नाश होता है. चिंता, उदासी से लेकर के विक्षिप्तता आदि मनोरोग जैसी असाधारण गड़बडि़यां भी दूर होती हैं. औषधियों द्वारा इनके पारंपरिक उपचार से इन्हें मात्र कुछ समय तक दबाया जा सकता है. इनके लक्षण भले ही दूर हो जायें परंतु वास्तविक समस्या तो मन में अवचेतन स्तर पर संचित रहती है जो समय पाकर पुन: दूसरे रूप में प्रकट होती है. क्रियाओं की कुल संख्या 76 है. इनमें से सामान्यत: 27 क्रियाएं अधिकतर क्रियायोग के निर्देशकों को ज्ञात हैं. इनमें से भी सात विशेष रूप से प्रमुख हैं जिनका अच्छी तरह से अभ्यास करने पर विशेष मानसिक और आत्मिक लाभ होता है. जो लोग क्रियायोग के अभ्यास द्वारा लाभान्वित होना चाहते हैं उन्हें इसके पूर्व काफी तैयारी करनी होती है.
प्रवचन:::: क्रियायोग से मानसिक व्याधियां दूर होती है
क्रियायोग का उद्देश्य व्यक्तित्व के तामसिक गुण को सात्विक गुण में रूपांतरित करना है. क्रियायोग से सभी प्रकार की मानसिक व्याधियों का नाश होता है. चिंता, उदासी से लेकर के विक्षिप्तता आदि मनोरोग जैसी असाधारण गड़बडि़यां भी दूर होती हैं. औषधियों द्वारा इनके पारंपरिक उपचार से इन्हें मात्र कुछ समय तक दबाया जा सकता है. […]
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