देवघर: भारतीय नारी सभी जगह उपेक्षित हो रही हैं. उनके साथ आये दिन अनहोनी घटना होने की खबर अखबारों में पढ़ी जा सकती है. यह भारतीय सभ्यता व संस्कृति के लिए सबसे दु:खद बात है. यह बातें कानपुर की कुमारी अनुपम चतुर्वेदी ने कही.
वे विश्व कल्याणार्थ कल्याणपुर में आयोजित श्रीश्री 108 सहस्त्र चंडी महायज्ञ में संगीतमय राम कथा में बोल रही थी. सुश्री चतुर्वेदी ने रामचरित मानस में सीता के चरित्र का वर्णन करते हुए नारी जगत पर प्रकाश डाली. भारतीय नारियां शक्ति रूपा है. वेद, पुराण, रामायण, महाभारत व इतिहास में लंबी कहानी पड़ी हुई है.
इसमें सीता, रत्ना, मतालसा, सावित्री, द्रोपदी, लक्ष्मी वाई, इंदिरा गांधी आदि कई नारियों ने अपने कर्मो से पहचान बनायी है. यही कारण है कि देश में नारी सर्वत्र पूजी जाती है. नारी का आह्वान करते हुए कहा कि एक बार फिर नारी अपने अंदर के चंडी रूप को जगाना होगा. तभी पापियों से समाज व देश को मुक्ति मिलेगी. सुश्री अनुपम ने कथा के दूसरे दिन भगवान राम की धनुष तोड़ने जनकपुर जाने की रोमांचक कथा का रसास्वादन कराया. उन्होंने पुष्पवाटिका में राम-सीता मिलन की कहानी को सुनाना शुरू किया तो सभी भक्त बैठे-बैठे जनकपुर पहुंच गये. इस अवसर पर माता मानस ललिता चतुर्वेदी ने भी मानस पर प्रकाश डाला. इससे पूर्व दिन के 11:30 बजे हवन कार्य शुरू किया गया.
यह दो चरणों में संपन्न हुआ. यज्ञ को सफल बनाने में सत्यादल यज्ञ समिति के संचालक बालक बाबा, अध्यक्ष केशव वर्मा, सचिव दीपक वर्मा, कोषाध्यक्ष आनंद वर्मा, संयुक्त आयुक्त वाणिज्य विभाग देवदत्त रेणु, संजय राव, वार्ड पार्षद सुमन पंडित, अशोक राम, अरविंद कुमार चौधरी, पतंजलि महथा, चंदन कुमार, तूफान, सत्यजीत कुमार, तापस कुमार, बंटी, अशोक कुमार, मनोज कुमार आदि जुटे हुए हैं.