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फर्जी बालू चालान से रोजाना लग रहा तीन लाख का चूना

देवघर : गिरिडीह की नदियों के फर्जी चालान पर देवघर की नदियों का बालू देवघर में चल रहे बड़े सरकारी प्रोजेक्ट में खपाये जाने से खनन विभाग को प्रतिदिन तीन लाख रुपये के राजस्व का नुकसान पहुंच रहा है. खनन विभाग देवघर के पदाधिकारी द्वारा सरकारी प्रोजेक्ट का काम कराने वाले संबंधित विभाग को गिरिडीह […]

देवघर : गिरिडीह की नदियों के फर्जी चालान पर देवघर की नदियों का बालू देवघर में चल रहे बड़े सरकारी प्रोजेक्ट में खपाये जाने से खनन विभाग को प्रतिदिन तीन लाख रुपये के राजस्व का नुकसान पहुंच रहा है. खनन विभाग देवघर के पदाधिकारी द्वारा सरकारी प्रोजेक्ट का काम कराने वाले संबंधित विभाग को गिरिडीह के चालान का सत्यापन करने का निर्देश जारी होने के बाद हड़कंप मच गया है.

गिरिडीह के फर्जी चालान पर देवघर के अजय नदी स्थित खिरौंदा घाट, ब्रह्मपुरा घाट व दोरही घाट समेत व पतरो नदी के घाटों से प्रतिदिन 200 ट्रैक्टर बालू सरकारी प्रोजेक्ट में काम करने वाली कंपनी को बेचा जा रहा है. सरकारी दर में 750 रुपये प्रति सौ सीएफटी बालू का दर है.
प्रावधान के अनुसार सरकारी प्रोजेक्ट में मूल चालान वाले बालू को उपयोग करने के बाद कंस्ट्रशन कंपनी को बालू की रॉयल्टी मूल दर संबंधित विभाग में जमा करनी पड़ती है. लेकिन देवघर के अजय नदी में अभी तक कोई भी घाट से बालू का उठाव शुरू नहीं हो पाया है, ऐसी परिस्थिति में बड़े सरकारी प्रोजेक्ट में अवैध बालू का उपयोग करने पर खनन विभाग के मानक के अनुसार दोगुना रॉयल्टी दर खनन विभाग में जमा करना पड़ेगा.
यानी 1500 रुपये प्रति सौ सीएफटी रॉयल्टी विभाग में जमा करना है. एक ट्रैक्टर में एक सौ सीएफटी बालू रहता है. देवघर के नदियों से रोजाना 200 ट्रैक्टर अवैध ढंग से बालू बड़े सरकारी प्रोजेक्ट में जाने से प्रतिदिन विभाग को तीन लाख रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है.
मधुपुर के बालू माफिया को रोजाना हो रही दो लाख की कमाई
इस गोरखधंधे में मधुपुर के एक बालू माफिया का नाम विभाग के पास आया है, जिसकी जांच की जा रही है. मधुपुर के बालू माफिया द्वारा गिरिडीह खनन विभाग के मूल चालान को स्कैन कर फर्जी चालान तैयार किया जा रहा है.
इस फर्जी चालान पर देवघर के ट्रैक्टर चालकों से संपर्क कर देवघर की नदियों से बालू उठाकर सरकारी प्रोजेक्ट में काम करने वाली कंपनी को दो हजार रुपये प्रति ट्रैक्टर की दर से मुहैया कराया जा रहा है. इस गोरखधंधे में 700 रुपये ट्रैक्टर चालक व तीन सौ रुपये चालान के नाम पर खर्च के बाद शेष एक हजार रुपये प्रति ट्रैक्टर के हिसाब से बालू माफिया को मोटी कमाई हो रही है.
कोरियासा मुहल्ले से बालू लोड ट्रैक्टर को खदेड़ा
शनिवार की अहले सुबह 5-6 की संख्या बालू लदे ट्रैक्टर कोरियासा मुहल्ले की पतली गली में अचानक से घुस गये. इसकी सूचना मिलने पर मुहल्लेवासियों ने सभी ट्रैक्टर को खदेड़ दिया. दरअसल, छापेमारी की सूचना पर ये बालू लदे ट्रैक्टर आनन फानन में कोरियासा मुहल्ले में घुस गये थे. ये ट्रैक्टर नावाडीह बसमनडीह घाट सेे बालू लेकर आ रहे थे.

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