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1.22 लाख कांवरियों ने किया जलाभिषेक

देवघर: तीसरी सोमवारी को अप्रत्याशित कांवरियों के जनसैलाब ने श्रवणी मेला 2014 के सारे रिकॉर्ड को ध्वस्त कर दिया. रात 12.20 बजे तक एक लाख 22 हजार शिव भक्तों ने जलार्पण किया. करीब एक लाख से ज्यादा कांवरिये जलार्पण से वंचित रह गये. मंगलवार को भी कांवरियों की भारी भीड़ रहेगी. देर शाम तक देवघर-जसीडीह […]

देवघर: तीसरी सोमवारी को अप्रत्याशित कांवरियों के जनसैलाब ने श्रवणी मेला 2014 के सारे रिकॉर्ड को ध्वस्त कर दिया. रात 12.20 बजे तक एक लाख 22 हजार शिव भक्तों ने जलार्पण किया. करीब एक लाख से ज्यादा कांवरिये जलार्पण से वंचित रह गये.

मंगलवार को भी कांवरियों की भारी भीड़ रहेगी. देर शाम तक देवघर-जसीडीह मुख्य पथ में चांदपुर तक करीब 13 किलोमीटर तक के लंबे जत्था में पुरुषों के साथ-साथ महिलाएं एवं बच्चों की भीड़ उमड़ पड़ी थी. कांवरियों के जनसैलाब की वजह से देवघर जसीडीह आने-जाने का मार्ग सुबह करीब छह बजे से सत्संग-कोरियासा से कर दिया गया. कांवरियों के जत्था के आगे लोगों को पैदल आवागमन में भी काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा.

रूट लाइनिंग में कांवरियों के बीच अफरा-तफरी में तीन दर्जन से अधिक कांवरियों बेहोश व गंभीर रूप से चोटिल हो गये. वन विभाग के समीप आधे दर्जन से अधिक कांवरिये भीड़ में दबने से बेहोश हो गये. पुलिस के जवानों एवं स्थानीय लोगों की मदद से आनन-फानन में चिकित्सा सेवा के लिए मेडिकल वैन द्वारा सदर अस्पताल पहुंचा गया. भीड़ की वजह से कई महिला एवं पुरुष कांवरिये वन विभाग के समीप पेड़ों पर चढ़ गये थे. स्थानीय लोगों के समझाने-बुझाने के बाद कांवरिये नीचे उतरे. रूट लाइनिंग बरमसिया चौक, नंदन पहाड़, बेलाबगान, वन विभाग, डढ़वा नदी, चांदपुर के पास रह-रह कर अफरा-तफरी मचती रही. कांवरियों के भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस के जवानों ने कई दफा पेड़ों की टहनियां एवं डंडे को चटकाया. गरमी की तपिश से राहत पहुंचाने के लिए अगिAशामक वाहन के साथ-साथ स्थानीय लोगों ने अपने-अपने घरों से पाइप के जरिये कांवरियों पर पानी का छिड़काव किया.

शीघ्र दर्शनम रहा बंद
सोमवार को शीघ्र दर्शनम की सुविधा बंद रखी गयी. इससे कतार लगातार आगे बढ़ता रहा. शीघ्र दर्शनम बंद रहने से प्रशासनिक भवन परिसर भी खाली-खाली रहा. आम कांवरियों को अपनी समस्या बताने के लिए प्रशासनिक भवन शिविर आने में काफी राहत मिली.

सुबह 3:05 बजे खुला पट
अहले सुबह में मंदिर गर्भ-गृह का पट सुबह 3:05 बजे खुला. कांचा जल पूजा के बाद सरकारी पूजा शुरू हुई. बाबा मंदिर के पुरोहित सुनील तनपुरिये ने परंपरागत तरीके से बाबा की पूजा-अर्चना की. इसके समापन होते ही वीआइपी भक्तों को प्रवेश कराया गया. सभी को उमा मंडप से मंदिर गर्भ-गृह में प्रवेश कराया गया. इसके बाद पास धारी सभी श्रद्धालुओं को मानसरोवर तट से कतार में प्रवेश कराया गया. वीआइपी भक्तों के जलार्पण समाप्त होते ही आम श्रद्धालुओं के लिए पट खोल दिया गया.

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