देवघर: रहस्यमय तरीके से नगर निगम कार्यालय के कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जलाने की घटना में दो साल बीत गये. किंतु अब तक इस मामले में पुलिस आरोपित को नहीं खोज सकी है. मामले का अनुसंधान बंद कर पुलिस ने पेंडिंग में डाल दिया है.
निगम कार्यालय के राजस्व व कर शाखा के बंद कमरे की दो अलमारियों में कैसे आग लगी थी. किसने आग लगाया था. दो साल बीतने के बाद भी पुलिस यह नहीं पता लगा सकी है. इस संबंध में नगर थाना कांड संख्या 177/12 भादवि की धारा 435 के तहत तत्कालीन निगम के सीइओ नागेंद्र शर्मा ने दर्ज कराया था. अज्ञात को मामले में आरोपित बनाया गया था. दो साल में नगर थाना के तीन-तीन आइओ बदल गये. इस कांड में पहले आइओ एएसआइ यदुनंदन प्रसाद थे. वहीं उनसे इस केस का चार्ज एएसआइ जगदेव सिंह ने लिया था. फिलहाल केस के आइओ एएसआइ अमृत शर्मा हैं. यदुनंदन प्रसाद रिटायर हो चुके हैं और जगदेश सिंह का तबादला हो गया है.
क्या-क्या जला था
आग लगने से होल्ंिडग टैक्स, विधि व कोर्ट संबंधी दस्तावेज जल कर राख हो गये थे. घटना की सुबह करीब पांच बजे निगम के रात्रि प्रहरी राजेश्वर राम ने कमरे से धुआं निकलता देख पुलिस, निगम के अफसर व कर्मियों को सूचना दी थी. कई दस्तावेज टेबुल व रैक पर रखे हुए थे. लेकिन, उन दस्तावेजों को कुछ नहीं हुआ था. सिर्फ अलमारी में बंद दस्तावेज ही जले थे. आग कैसे लगी थी, उस वक्त इसका खुलासा नहीं हो पाया था. पुलिस ने उस वक्त मामले को पूरी तरह से संदेहास्पद बताया था. घटना में निगम कर्मियों के संलिप्त होने की बात कही गयी थी. अगलगी की इस घटना में एक अलमारी का पूरा दस्तावेज जल गया था. निगमकर्मियों ने अलमारी का ताला तोड़ कर आग बुझाने का प्रयास किया था. लेकिन, तब तक सारे दस्तावेज जल चुके थे. घटना की सूचना पाकर तत्कालीन एसपी सुबोध प्रसाद, उस वक्त के इंस्पेक्टर एके झा व थानेदार केके साहू मौके पर पहुंचे थे.
आलमारी की चाबी थी टैक्स दारोगा के पास
सहायक टैक्स दारोगा जय शंकर साह के चार्ज में उक्त दोनों अलमारी थी, जिसमें आगलगी थी. दोनों की चाबी जयशंकर के पास ही रहती थी. उन्होंने बताया था कि शाम में पांच बजे ऑफिस बंद होने के समय अलमारी बंद किया तथा घर चले गये. जिस कमरे मेंअलमारी थी, उस कमरे की चाबी रात्रि प्रहरी राजेश्वर राम के पास रहती है.
माचिस भी बरामद हुआ था
मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी ने घटना की लिखित जानकारी डीसी के रवि कुमार को दी थी. उसके साथ कस्टोडियन जय शंकर साह का पत्र भी संलगA किया था. थाने में एफआइआर दर्ज करने के लिए जय शंकर साह ने लिखित आवेदन भी दिया था. पुलिस ने घटनास्थल से एक माचिस भी बरामद की थी. उक्त माचिस की कुछ तिल्ली टेबुल पर भी बिखरी थी.