देवघर : जिले में सड़क सुरक्षा अभियान जोर-शोर से चलाया जा रहा है. इसके तहत सड़क सुरक्षा के प्रति लोगों को जागरूक किया जा रहा है. स्कूल-कॉलेजों में भी छात्रों को यातायात नियम की जानकारी दी जा रही है, लेकिन सड़क सुरक्षा की बुनियादी बातों का ही ध्यान नहीं रखा जा रहा है.
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स्कूल-कॉलेजों व अस्पतालों के बाहर नहीं लगे हैं सड़क सुरक्षा संकेत बोर्ड, स्कूलों में जागरुकता, बाहर लापरवाही
देवघर : जिले में सड़क सुरक्षा अभियान जोर-शोर से चलाया जा रहा है. इसके तहत सड़क सुरक्षा के प्रति लोगों को जागरूक किया जा रहा है. स्कूल-कॉलेजों में भी छात्रों को यातायात नियम की जानकारी दी जा रही है, लेकिन सड़क सुरक्षा की बुनियादी बातों का ही ध्यान नहीं रखा जा रहा है. सड़क सुरक्षा […]
सड़क सुरक्षा के तहत दुर्घटनाओं पर रोक लगाने के लिए सड़क के किनारे चेतावनी व संकेत के बोर्ड लगाये जाते हैं, जिन्हें काफी अहम माना जाता है. जबकि देवघर शहर में ऐसे बोर्ड खोजते नहीं मिलते हैं. खासकर स्कूल-कॉलेज व अस्पतालों के बाहर सड़क सुरक्षा से संबंधित चेतावनी संकेत के बोर्ड नहीं लगाये गये हैं.
ये संकेत यातायात के सरल संचालन के लिए उपयोग किये जाते हैं और सड़क उपयोगकर्ताओं को कानूनों के नियमों और प्रतिबंधों के बारे में जानकारी देते हैं. कानून के अनुसार, इन नियमों और प्रतिबंधों का उल्लंघन करना अपराध है.
नहीं लगे हैं चेतावनी संकेत के बोर्ड
शहर के सदर अस्पताल व पीएचसी के समीप धीरे चलने तथा हॉर्न नहीं बजाने का कोई बोर्ड नहीं लगाया गया है. जिससे मरीजों को काफी परेशानी हो रही है. वहीं शहर के दर्जनों सरकारी व गैर सरकारी स्कूलों व कॉलेजों के समीप धीर चलने तथा हॉर्न नहीं बजाने का बाेर्ड अबतक लगाया जा सका है.
सड़क सुरक्षा के तहत स्कूलों व अस्पतालों के समीप सड़क के दोनों ओर चमकनेवाले बोर्ड पर दिशा बताने वाली जानकारी तथा धीर चलने व हॉर्न नहीं बजाने का बोर्ड लगाया जाना है. ऐसे बोर्ड नहीं लगने से स्कूल व कॉलेज के छात्रों को काफी परेशानी हो रही है. कुछेक स्कूल ऐसे हैं जिन्होंने स्कूल के समीप खुद से सड़क किनारे बोर्ड लगवाया है, लेकिन विभाग इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है.
नेशनल हाइवे के किनारे स्थित हैं स्कूल-कॉलेज
सड़क सुरक्षा को लेकर देवघर शहर में कई एसे स्कूल कॉलेज व अस्पताल है जहां न पथ निर्माण विभाग की ओर से बोर्ड लगाया गया है न संस्थान की ओर से. एेसे में किसी प्रकार की यदि कोई घटना होती है तो इसका जिम्मेवार कौन होगा. इनमें जसीडीह मध्य विद्यालय, चांदपुर मध्य विद्यालय, ए एस महाविद्यालय, आर मित्रा प्लस टू विद्यालय, आर एल सर्राफ उच्च विद्यालय, पूराना मीना बाजार हाई स्कूल, मदरसा मध्य विद्यालय, रिफ्फ्यूजी कॉलोनी मध्य विद्यालय, महेशमारा उच्च विद्यालय, सिरसा मध्य विद्यालय, खरगडिया मध्य विद्यालय, घोरमरा हाई स्कूल, मोहनपुर हाई स्कूल, मोहनपुर मध्य विद्यालय, चुल्हिया हाई स्कूल है. इसके अलावा स्टेट हाइवे व बाइपास सड़क पर दर्जनों सरकारी व गैर स्कूल तथा कॉलेज है. इन स्कूलों के बाहर सांकेतिक बोर्ड नहीं लगाया गया है.
कहते हैं अधिकारी
सड़क सुरक्षा नियम के तहत स्कूलों व अस्पतालों के समीप पथ निर्माण विभाग की ओर से बोर्ड लगाया जाना है. ऐसे बोर्ड कहां लगे है या नहीं लगे हैं, इसकी जांच पड़ताल की जायेगी. इसके बाद ही कुछ बताया जा सकता है.
-विशाल सागर, एसडीओ सह डीटीओ, देवघर
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