देवघर : रिखिया थाना क्षेत्र के महेशमारा एसबीआइ के 20 ऐसे बैंक खाते को फ्रीज कर दिया गया है, जिसका इस्तेमाल साइबर ठगी में हुआ है. साइबर सेल की डीएसपी नेहा बाला ने सभी फ्रीज 20 बैंक खाते की जांच शुरू कर दी है. यह सभी फ्रीज बैंक खाते मोहनपुर थाना क्षेत्र के ग्राहकों के नाम से है, जिनके बैंक खाते में साइबी ठगी का पैसा ट्रांसफर कर निकाला गया है. फ्रीज किये गये बैंक खाते में पैसे भी जमा है. अधिकांश बैंक खाते सीएसपी के माध्यम से खाेले गये हैं. बैंक खाते से जारी एटीएम का प्रयोग पैसे की निकासी में हुआ है. डीएसपी बारी-बारी कर बैंक खाते के ग्राहकों से सत्यापन कर रही है. सभी बैंक खाते का स्टेटमेंट निकाला जा रहा है. सत्यापन में कम-पढ़े लिखे कई ऐसे खाताधारक मिले हैं, जिन्हें एटीएम के प्रयोग के बारे में जानकारी भी नहीं है.
उनके बैंक खाते में एटीएम का प्रयोग कब है भी उनलोगों को पता नहीं है. फ्रीज बैंक खाते में देश के अलग-अलग इलाके से ठगी के पैसों का ट्रांसफर किया गया है. डीएसपी ने शुरुआती जांच मोहना कनाली, कोठिया जनाकी व बारोकाला गांव से शुरू की है. पहले भी इन तीनों गांव से कई साइबर ठगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. पुलिस को कोठिया जनाकी गांव के साइबर ठगों के मास्टर माइंड पिंटु मंडल की तलाश है.
पालोजोरी पहुंची देवघर व सिंदरी पुलिस साइबर आरोपितों का आपराधिक रिकॉर्ड खंगाला
पालोजोरी : साइबर क्राइम को अंजाम देते हुए गिरफ्तार हुए दो आरोपियों के आपराधिक रिकार्डों को पुलिस द्वारा खंगाला जा रहा है. गुरुवार को सिन्दरी थाना के एएसआई श्रवन कुमार राम व देवघर साइबर थाना के इंस्पेक्टर राजेन्द्र प्रसाद टुडू व एसआई कुन्दन कुमार सिंह दो अलग-अलग साइबर आरोपियों के आपराधिक रिकॉर्ड के बारे में जानकारी इकट्ठा करने के लिए पालोजोरी थाना पहुंची.
थाना में जानकारी लेने के बाद पुलिस अधिकारी ने आरोपियों के गांव खागा कुशमाहा व सगरभंगा जाकर भी पूछताछ की.साइबर क्राइम का जोन बनता जा रहा पालोजोरी: थाना क्षेत्र के कई गांव धीरे-धीरे साइबर ठगी के जोन बन गये हैं. साल दो साल पहले जो बीपीएल श्रेणी में थे वे आज आलिशान बंगले, गाड़ी व आधुनिक सुविधाओं से लैस हो गए हैं. प्रखंड का डुमरकोला, दोजवाचक, सिरसा, बिराजपुर, खागा, असना, रघुवाडीह, कसरायडीह, सगराजोर, कुमगढ़ा, बरदडुबा सहित कई अन्य गांवों से पुलिस ने साइबर अपराध को अंजाम देने वाले युवकों को पकड़ा है या फिर उनके तलाश में यहां पहुंच चुकी है.