देवघर : बाबा मंदिर में भक्तों की सहूलियत के लिए शीघ्रदर्शनम् की व्यवस्था की गयी है. वहीं शीघ्रदर्शनम् कूपन में गड़बड़ी सामने आयी है. शीघ्रदर्शनम् का गेट व कूपन में कहीं-न-कहीं छेद है. एक कूपन से प्रवेश के लिए दो बार स्कैन हो जा रहा है. यानी एक कूपन का उपयोग दो बार किया जा सकता है. इसका पूरा वीडियो प्रभात खबर के पास उपलब्ध है. इससे मंदिर को श्रावणी मेले के दौरान ही लाखों के नुकसान की आशंका है. यह स्थिति तब है जब श्रावणी मेले के पूर्व शीघ्रदर्शनम् व्यवस्था में गड़बड़ी की आशंका को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने दो सहायक प्रभारियों की प्रतिनियुक्ति की थी.
इसमें एक सहायक प्रभारी के साथ-साथ कई चेक प्वाइंट बनाये हैं, बावजूद इसमें गड़बड़ी की संभावना आज भी बनी हुई है. बताते चलें कि श्रावण व भादो मेला सहित विशेष दिनों में 500 रुपये तथा सामान्य दिनों में 250 रुपये
शीघ्रदर्शनम् व्यवस्था में सामने…
शीघ्र दर्शनम कूपन का शुल्क रखा गया है.
कर्मियों की हो सकती है मिलीभगत!
कूपन व बार कोड उपलब्ध कराने तथा गेट में प्रवेश कराने का जिम्मा त्रिलोक सिस्टम के पास है. कूपन व बार कोड भी इसी से मंदिर प्रबंधन लेता है. नियमानुसार, एक कूपन को एक गेट में एक बार इस्तेमाल किया जाना है. जबकि देखा जा रहा है कि वही कूपन दूसरे गेट में भी स्कैन हो जा रहा है.
श्रावणी मेले में मंदिर के कुछ कर्मचारियों के हुए वारे-न्यारे, बाबा मंदिर को हुआ लाखों का नुकसान
व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए कई चेक प्वाइंट बनाये गये हैं. अगर एक टिकट दो बार स्कैन करने व मैन्युअल तरीके से गेट खोलने की बात आ रही है, तो इसकी जांच पूरी गंभीरता से करायी जायेगी. दोषी पर कार्रवाई करते हुए उनको बरखास्त किया जायेगा.
– सुनील तिवारी, बाबा मंदिर सहायक प्रभारी सह शीघ्रदर्शनम् प्रभारी
कुछ कर्मचारियों के इशारे पर भी गेट को मैन्युअली खोल भक्तों को कराया जाता है प्रवेश
प्रभात खबर के पास है कूपन के स्कैन खेल का वीडियो
गेट से मैन्युअली भी कराया जा रहा प्रवेश!
मंदिर के सूत्र बताते हैं कि तीन कर्मचारियों के इशारे पर बगैर कूपन के ही शीघ्रदर्शनम् गेट से होकर मैनुअल भी भक्तों को प्रवेश कराया जाता है. वहीं एक कूपन को दो बार इस्तेमाल कराने में भी इन तीनों की अहम भूमिका बतायी जा रही है.