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अादिवासी छात्र-छात्राओं को मिलेगी नवोदय-केंद्रीय विद्यालय स्तर की शिक्षा

देवघर : केंद्र सरकार जनजातीय बच्चों के बीच शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने के लिए नये कांसेप्ट के साथ काम कर रही है. जनजातीय मंत्रालय ने योजना बनायी है कि आदिवासी बच्चों को नवोदय और केंद्रीय विद्यालय के स्टैंडर्ड की शिक्षा मिले. उक्त बातें केंद्रीय जनजातीय मामले के राज्यमंत्री सुदर्शन भगत ने प्रभात खबर […]

देवघर : केंद्र सरकार जनजातीय बच्चों के बीच शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने के लिए नये कांसेप्ट के साथ काम कर रही है. जनजातीय मंत्रालय ने योजना बनायी है कि आदिवासी बच्चों को नवोदय और केंद्रीय विद्यालय के स्टैंडर्ड की शिक्षा मिले. उक्त बातें केंद्रीय जनजातीय मामले के राज्यमंत्री सुदर्शन भगत ने प्रभात खबर से खास बातचीत में कही.
उन्होंने कहा कि इसके लिए ब्लाॅक स्तर पर एकलव्य विद्यालय की स्थापना होगी. पहले कुछेक जगहों पर जिला स्तर पर एकलव्य विद्यालय खुले हैं. लेकिन अब इसका मापदंड सरकार ने बदला है. नये मापदंड के अनुसार जिस इलाके में 20 हजार से अधिक आदिवासियों की आबादी है या कुल जनसंख्या का 50 प्रतिशत आबादी आदिवासियों की है, वहां एकलव्य विद्यालय की स्थापना होगी.
पीपीपी मोड पर राज्य सरकार संचालित करेगी स्कूल : केंद्रीय मंत्री ने कहा कि स्कूल में कान्वेंट स्तर की शिक्षा के लिए एकलव्य विद्यालय का संचालन पीपीपी मोड पर राज्य सरकार संचालित करेगी. राज्य सरकार जमीन देगी, स्कूल केंद्र सरकार बनायेगी. क्योंकि केंद्र सरकार की मंशा है कि आदिवासी बच्चों को जब तक बेहतर शिक्षा नहीं दी जायेगी, तब तक उनका विकास नहीं हो सकता है. आदिवासी बच्चों को बेहतर शिक्षा मंत्रालय का मुख्य मुद्दा है.
पथलगड़ी के नाम पर समाज को तोड़ने की साजिश : केंद्रीय मंत्री ने पथलगड़ी के संदर्भ में उठ रहे विवादों के संबंध में अपनी व्यक्तिगत राय रखी. उन्होंने कहा कि पथलगड़ी यहां की सांस्कृतिक परंपरा है. मुंडा समाज में इसका प्रचलन है. लेकिन पथलगड़ी की आड़ में कुछ असामाजिक तत्व ग्रामीणों को मिसगाइड करके समाज को तोड़ने की साजिश कर रहे हैं. कह सकते हैं कि पथलगड़ी का अराजक तत्व दुरुपयोग कर रहे हैं. इस सामाजिक परंपरा का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए. कुछ लोग इसकी आड में समाज और सरकार के बीच विद्वेश पैदा करना चाह रहे हैं.
बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा बड़े म्यूजियम में होगा तब्दील : उन्होंने केंद्र सरकार की योजना के संबंध में बताया कि जिस बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में भगवान बिरसा मुंडा ने अंतिम सांस ली. केंद्र सरकार उसे बड़े म्यूजियम के रूप में विकसित करेगी. जिसमें स्वतंत्रता संग्राम से लेकर जितने भी आंदोलन हुए हैं, जो भी देश के लिए शहीद हुए हैं वैसी विभूतियों की यादों को संजो कर रखा जायेगा. इसके अलावा जितने भी स्वतंत्रता संग्राम के फाइटर हैं, सभी के लिए गुजरात में सरदार सरोवर के पास राष्ट्रीय स्तर का म्यूजियम बनेगा. इसके लिए केंद्र सरकार ने हरी झंडी दे दी है.
सरकार दे रही झारखंड के वीर सपूतों को सम्मान : अब झारखंड के किसी भी वीर सपूत या विभूति को भारत रत्न नहीं मिला है. आपको नहीं लगता है कि आदिवासी या हमारा झारखंड इस मामले में उपेक्षित रहा है. इस सवाल पर केंद्रीय मंत्री ने कहा केंद्र हो राज्य की सरकार झारखंड के वीर सपूतों और विभूतियों को सम्मान दे रही है. जहां तक भारत रत्न या उच्च सम्मान की बात है तो वे मंत्रालय की ओर से सरकार के सामने बात रखेंगे. वे चाहेंगे कि झारखंड की विभूतियों को भी भारत रत्न जैसा सम्मान मिले. जिसे हम सभी गौरवान्वित हों.
आदिवासियों को आर्थिक दृष्टि से समृद्ध करने की योजना : केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जनजातीय मामले के मंत्रालय ने आदिवासी कल्याण के लिए ढेर सारी योजनाओं को लागू किया है. सरकार की मंशा है कि आदिवासियों को आर्थिक दृष्टिकोण से समृद्ध बनाया जाये. इसके लिए सरकार विभिन्न योजनाओं पर काम कर रह ही है. कोशिश की जा रही है ये कल्याणकारी योजनाएं सीधे सुदूर आदिवासी इलाकों तक पहुंचे.

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