जबकि 454 पर किसी प्रकार का कार्य शुरू ही नहीं हुआ . वहीं 18 निर्माण कार्य को एमआइसी के तहत पूरा होने के बाद बंद कर दिया गया है. इस संबंध में बीपीओ सुधांशु शेखर ने बताया कि 805 डोभा बनाने के लक्ष्य के विरुद्ध 563 डोभा का निर्माण हो चुका है . बाकी पर तेजी से काम किया जा रहा है . उनसे जब सक्सेस रेट पूछा गया तो एक – आध उदाहरण बता कर कन्नी काट गए .
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डोभा से न तो सिंचाई हो रही, न ही पूरा हुआ मछली पालन का सपना
जसीडीह: करोड़ों की लागत से देवघर प्रखंड की सभी पंचायतों में सैंकड़ों डोभा निर्माण कराये जाने के बावजूद प्रखंड के किसानों को मछली पालन तो दूर, सिंचाई का लाभ ही नहीं मिल पा रहा है. क्षेत्र के अधिकांश किसान डोभा में पानी संचयन कर खेती नहीं कर पा रहे हैं. जिससे किसानों को बड़ी परेशानी […]
जसीडीह: करोड़ों की लागत से देवघर प्रखंड की सभी पंचायतों में सैंकड़ों डोभा निर्माण कराये जाने के बावजूद प्रखंड के किसानों को मछली पालन तो दूर, सिंचाई का लाभ ही नहीं मिल पा रहा है. क्षेत्र के अधिकांश किसान डोभा में पानी संचयन कर खेती नहीं कर पा रहे हैं. जिससे किसानों को बड़ी परेशानी हो रही है. किसान खेती करने के लिए पानी संचय की आस में अपनी जमीन डोभा के लिए उपलब्ध करा कर ठगा महसूस सा कर रहे हैं.
जानकारी के अनुसार विभाग की प्राक्कलित राशि के अनुसार क्षेत्र में प्राय: डोभा की खुदाई भी नहीं की गयी . परिणाम यह कि अभी शुरुआती बारिश होने के बाद तक किसी डोभा में सिंचाई के लिए पानी नहीं है. विभाग से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2016-17 में किसानों को खेती के लिए 1134 डोभा और कुंआ निर्माण की स्वीकृति मिली थी. इसमें 855 डोभा और कुंआ खुदाई पर काम किया जा रहा है.
डोभा निर्माण कार्य की पंचायतवार सूची
पंचायत कार्य की स्वीकृति काम चल रहा है काम नहीं हुआ शुरू काम पूर्ण
अंधरीगादर 54 27 37 00
बसवरीया 33 42 32 00
चांदडीह 23 68 14 01
धरवाडीह 12 14 10 01
गिधनी 32 20 39 03
गौरीपुर 52 31 10 05
ग्वालबदिया 47 56 29 00
झिलुआचांडीह 81 16 45 00
केनमनकाठी 88 15 24 02
खशपैका 37 08 25 00
खोरीपानन 34 84 36 00
कोकरीबांक 38 37 07 03
महतोडीह उदयपुरा 15 11 10 00
मानीकपुर 23 36 04 00
मसनजोरा 126 82 46 00
नावाडीह 15 06 08 00
पिछडीबाद 36 45 17 00
पुनासी 71 10 11 01
संग्रामलोढीया 10 38 09 01
सरसा 53 33 12 00
सातर खोपोस 67 95 07 00
शंकरी 78 65 10 02
टाभाघाट 49 23 11 01
कहते हैं किसान
डोभा से किसी तरह का फायदा नहीं मिल पाया. हालत यह कि वर्षा होने के बाद भी डोभा में प्रयाप्त पानी जमा नहीं हो पाया है. किसान खेती कैसे करेंगे.
– पूरन हेंब्रम
डोभा निर्माण से किसी भी किसान को लाभ नहीं मिल रहा है. किसी भी डोभा में पानी जमा नहीं हो रहा है. इससे न खेती हो रही है और ना ही मछली पालन का सपना पूरा हुआ .
– चतरभुज मंडल
जहां-तहां डोभा निर्माण करा दिया गया है. इससे डोभा में पानी का संचयन नहीं हो पा रहा है. डोभा से खेती संभव नहीं है.
– कृष्णा मंडल
ऊंचे स्थानों पर डोभा बना दिया गया है. जिस कारण बारिश में भी किसी डोभा में पानी नहीं रहता है. जिससे खेती कर पाना संभव नहीं है.
– अनिल दास
कहते हैं बीडीओ
सरकार की यह योजना बहुत महत्वपूर्ण है. जिससे क्षेत्र के किसानों को फायदा हो रहा है. किसान खेती के साथ-साथ मत्स्य विभाग से बीज लेकर मछली पालन भी कर रहे हैं. साथ ही डोभा निर्माण से क्षेत्र में जलस्तर ऊपर आया है. आने वाले दिनों में किसानों को ज्यादा फायदा होगा. जबकि कुछ डोभा निर्माण कार्य अधूरा है. उसे 15 जुलाई तक किसी भी हाल में पूरा करने को कहा गया है.
रजनीश कुमार, प्रखंड विकास
पदाधिकारी, देवघर
कहते हैं प्रमुख
व उपप्रमुख
डोभा निर्माण कार्य में काफी अनियमिता है. इसकी उच्च स्तरीय जांच करानी चाहिए. पंचायत सेवक और बिचौलियों ने डोभा निर्माण कराये बिना राशि की निकासी कर ली है.
-गोपाल दास, प्रमुख, देवघर
प्रखंड के पदाधिकारियों से डोभा निर्माण कार्य की सूची मांगने के बाद भी जनप्रतिनिधि को उपलब्ध नहीं करायी जा रही है. इस कार्य में काफी अनियमितता है. इसकी जांच करायी जाये.
-बासुकी दास, उपप्रमुख
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