थाना प्रभारी शंकर लकड़ा ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर बच्चों को तस्करों के चंगुल से मुक्त कराया गया. प्रतापपुर व कुंदा के चार-चार बच्चों को औरंगाबाद के एक होटल में काम कराने ले जा रहा था. काशीलौंग से तस्करों को गिरफ्तार कर लिया गया. उन्होंने बताया कि बसंत भुइयां ने उक्त लोगों को बुलाया था. इसके बदले होटल मालिक ने उसे मोटी रकम दी गयी थी.
मालूम हो कि कुंदा व प्रतापपुर में गरीबी के कारण बच्चे काम करने को मजबूर हैं. प्रखंड में कई बाल मजदूर दलाल सक्रिय हैं. बच्चों के माता-पिता को तरह-तरह के प्रलोभन देकर काम करने बाहर ले जाते हैं. इसके पूर्व भी कई दलालों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है.